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शुक्रवार, 16 मई, 2025
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लखनऊ के आभूषण विक्रेताओं ने तुर्किये से आयातित आभूषणों के बहिष्कार का फैसला किया

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लखनऊ, 16 मई (भाषा) भारत के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को तुर्किये के सक्रिय समर्थन के मद्देनजर लखनऊ के आभूषण विक्रेताओं ने वहां (तुर्किये) से आयातित आभूषणों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

लखनऊ के चौक सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आदिश जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “अक्षय तृतीया पर तुर्किये के आभूषणों की मांग सबसे ज्यादा थी। हालांकि, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को तुर्किये के सक्रिय समर्थन के मद्देनजर हमने वहां से आभूषणों का आयात रोकने का फैसला किया है।”

जैन ने बताया, “तुर्किये से आयातित हार, अंगुठियां और कान के बूंदे काफी लोकप्रिय हैं। रोजाना बिकने वाले 20 हार में से औसतन पांच तुर्किये के होते हैं।”

लखनऊ महानगर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष कुमार वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमने तुर्किये के आभूषणों की बिक्री बंद कर दी है। पहले हम तुर्किये से आभूषणों की ढलाई आयात करते थे। लेकिन, अब भारत के शिल्प कौशल में जबरदस्त सुधार के साथ हम खुद आभूषणों की आकर्षक डिजाइन तैयार कर रहे हैं। हमारे कारीगर ऐसे डिजाइन बना रहे हैं, जो तुर्किये के डिजाइन से कहीं बेहतर होने के साथ वजन में भी हल्के हैं।”

वर्मा ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तुर्किये के आभूषणों के पूर्ण बहिष्कार का फैसला लिया गया है और सभी ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं।

आभूषण विक्रेता अभिषेक दत्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमने तुर्किये के आभूषणों को प्रदर्शित करना बंद कर दिया है। हमारा मानना है कि ग्राहकों को इन आभूषणों की डिजाइन नहीं दिखेगी, तो वे इनका ऑर्डर भी नहीं देंगे।”

भाषा

अरुनव जफर नरेश पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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