नई दिल्लीः जेट एयरवेज कर्मियों की मुश्किलों का हल अभी तक नहीं निकला सका है. शुक्रवार को इसके कर्मियों ने मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों की ओर फिर से ध्यान खींचा. कर्मियों का आरोप है कि 400 करोड़ का अंतरिम फंड देकर कंपनी को बचाने की कोशिश नहीं की जा रही है. यह भी आरोप है कि अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं हो रहा है.
बता दें कि सरकार ने विमान सेवा को बुधवार 17 अप्रैल से अस्थाई तौर पर रोक दिया है. जिसका कर्मी स्थाई समाधान निकालने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इससे पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 अप्रैल को कर्मियों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी थी. 27 अप्रैल को एक कर्मी ने माहराष्ट्र पालघर जिले की एक बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. दिल्ली में भी जेट कर्मियों ने एक इसी दिन एक कैंडल मार्च का आयोजन विरोध प्रदर्शन किया था. जिससे मामला गंभीर होता नजर आ रहा है. कर्मयों का आरोप है अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है.
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#JetAirways employees hold protest at Azad Maidan in Mumbai. pic.twitter.com/3QADkscpyK
— ANI (@ANI) May 3, 2019
जेट एयरवेज कर्मियों ने मुंबई में वोटिंग के दिन भी अपना ड्रेस पहने हुए विरोध जताते हुए मतदान किया था. कंपनी कर्मी विमान सेवा ठप होने से अपनी मांगों के लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
वहीं इससे पहले पीएमओ की तरफ से भी इस पर आपात बैठक कर हालत की समीक्षा की जा चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. यह बैठक महज कवायद भर साबित हुई. यह बैठक नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर बुलाई गई थी. जिसमें उन्होंने जेट एयरवेज कर्मियों से जुड़े मुद्दे की समीक्षा करने और यात्रियों की परेशानी करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था.
मामला क्या है