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Thursday, 19 December, 2024
होमदेशमुंबई के आजाद मैदान में पोस्टर-बैनर के साथ विरोध करने उतरे जेट एयरवेज के कर्मी

मुंबई के आजाद मैदान में पोस्टर-बैनर के साथ विरोध करने उतरे जेट एयरवेज के कर्मी

जेट एयरवेज कर्मियों की मुश्किलों का हल अभी तक नहीं निकला है. आरोप है कि 400 करोड़ का अंतरिम फंड देकर कंपनी को बचाने की कोशिश नहीं की जा रही है.

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नई दिल्लीः जेट एयरवेज कर्मियों की मुश्किलों का हल अभी तक नहीं निकला सका है. शुक्रवार को इसके कर्मियों ने मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों की ओर फिर से ध्यान खींचा. कर्मियों का आरोप है कि 400 करोड़ का अंतरिम फंड देकर कंपनी को बचाने की कोशिश नहीं की जा रही है. यह भी आरोप है कि अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं हो रहा है.

बता दें कि सरकार ने विमान सेवा को बुधवार 17 अप्रैल से अस्थाई तौर पर रोक दिया है. जिसका कर्मी स्थाई समाधान निकालने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इससे पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 अप्रैल को कर्मियों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी थी. 27 अप्रैल को एक कर्मी ने माहराष्ट्र पालघर जिले की एक बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. दिल्ली में भी जेट कर्मियों ने एक इसी दिन एक कैंडल मार्च का आयोजन विरोध प्रदर्शन किया था. जिससे मामला गंभीर होता नजर आ रहा है. कर्मयों का आरोप है अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है.

यह भी पढे़ंः क्या जेट एयरवेज के 22 हजार कर्मियों को मिलेगी सैलरी या होगा किंगफिशर जैसा हाल

जेट एयरवेज कर्मियों ने मुंबई में वोटिंग के दिन भी अपना ड्रेस पहने हुए विरोध जताते हुए मतदान किया था. कंपनी कर्मी विमान सेवा ठप होने से अपनी मांगों के लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं.

वहीं इससे पहले पीएमओ की तरफ से भी इस पर आपात बैठक कर हालत की समीक्षा की जा चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. यह बैठक महज कवायद भर साबित हुई. यह बैठक नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर बुलाई गई थी. जिसमें उन्होंने जेट एयरवेज कर्मियों से जुड़े मुद्दे की समीक्षा करने और यात्रियों की परेशानी करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था.

मामला क्या है

देश में 26 साल से अपनी सेवाएं दे रही जेट एयरवेज ने उड़ानें 17 अप्रैल बुधवार से अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला लिया है. दरअसल कंपनी पर प्राइवेट और सरकारी बैंक मिलाकर कुल 26 बैंकों का 8500 करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में बुधवार को ही भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने जेट को 400 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने से इंकार कर दिया था. जिसके कारण जेट एयरवेज के लगभग 22 हजार कर्मचारियों पर नौकरी का संकट गहरा गया है. इस मुद्दे को लेकर जेट के हजारों कर्मचारियों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. जिसमें पायलट, एयरहोस्टेस, कैप्टन और इंजीनियर्स ने हिस्सा लिया.

 

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