नयी दिल्ली/इम्फाल, 22 जनवरी (भाषा) जनता दल (यूनाईटेड) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने संबंधों को लेकर बढ़ती अटकलों को शांत करने के प्रयास में बुधवार को अपनी मणिपुर इकाई के अध्यक्ष के. बीरेन सिंह को बर्खास्त कर दिया।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि अनुशासनहीनता के कारण सिंह को पद से हटा दिया गया है और पूर्वोत्तर के इस राज्य में भाजपा नीत सरकार का समर्थन जारी रहेगा।
सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को एक पत्र लिखकर बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने के फैसले की जानकारी दी थी।
उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि पार्टी के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्षी खेमे में बैठेंगे।
राज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘फरवरी/मार्च 2022 में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में जद(यू) के छह उम्मीदवार फिर से जीते थे, जिनमें से पांच विधायक कुछ ही माह बाद भाजपा में शामिल हो गये थे। इन पांच विधायकों के खिलाफ दसवीं अनुसूची के तहत सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष के अधिकरण में लंबित है।’’
जद (यू), भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है।
इस खबर के सामने आने के बाद राजधानी दिल्ली में जद (यू) प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, ‘‘कुछ भ्रामक खबरें जद(यू) की मणिपुर इकाई के संबंध में आई हैं। स्पष्ट करना चाहूंगा कि मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में पद मुक्त किया जा चुका है।’’
उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘मणिपुर में राजग सरकार को समर्थन जारी रहेगा। जद (यू) ने पूरी मजबूती के साथ न केवल मणिपुर बल्कि बिहार और देश में राजग की मजबूती के लिए काम किया है। हम उसी तत्परता और निष्ठा के साथ काम करते रहेंगे।’’
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 37 सदस्य हैं। इसके अलावा, भाजपा को नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मणिपुर में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। जद(यू) ने इस विधानसभा चुनाव में 38 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह सीट पर उसके उम्मीदवारों की जीत मिली थी। हालांकि, बाद में पार्टी के 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
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ब्रजेन्द्र पवनेश
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