नई दिल्ली: बिहार में रामनवमी को लेकर मचा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. आज सुबह सासाराम में उपद्रवी तत्वों द्वारा बम चलाया गया जिसके बाद माहौल और गर्म हो गया. बिहार पुलिस के डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी कल बिहारशरीफ पहुंचे थे और रात में पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की. आज डीजीपी सासाराम पहुंचे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंसा को लेकर हाईलेवल मीटिंग बुलाई है. बता दें कि बिहार में रामनवमी के दिन शुरू हुआ बवाल पांचवे दिन भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.
हिंसा को देखते हुए नालंदा, सासाराम और बिहारशरीफ में अर्द्धसैनिक बल की कंपनियों को तैनात किया गया है. कल नालंदा में अर्द्धसैनिक बल और पुलिस ने संयुक्त फ्लैग मार्च भी किया था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में सीआरपीएफ, एसएसबी की कुल 10 कंपनियों को हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है. इस बीच रोहतास प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज को 4 अप्रैल तक बंद कर दिया है. साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से हिंसा को लेकर बातचीत भी की.
कल डीजीपी भट्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि मामले की जांच जारी है और उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा था, ‘किसी भी असामाजिक तत्व को बख़्शा नहीं जाएगा, कानून की पूरी ताकत के साथ उनसे निपटा जाएगा.’
बता दें कि हिंसा में बिहार शरीफ के एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत भी हो गई थी. सरकार ने मृतक को 5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है. पुलिस ने अब तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. नालंदा में स्थिति सामान्य होने की ओर बढ़ रही है. आज बिहारशरीफ में पांच दिनों के बाद कुछ दुकानें भी खुली लेकिन सासाराम में हालात अभी भी पूरी तरह से सुधरे नहीं है. नालंदा के जिला अधिकारी शशांक सुभंकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘स्थिति नियंत्रण में है. लोग अब घर ने निकल रहे हैं. वहीं सासाराम के सांसद छेदी पासवान ने गृहमंत्री से इस मामले की एनआईए से जांच करवाने की मांग की.’
क्या है पूरा मामला
बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी के दिन शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच झड़प हो गई थी. बिहारशरीफ के पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया था कि यहां पिछले साल रामनवमी को भी शोभा यात्रा और मुहर्रम का जुलूस भी निकाला गया था, लेकिन कोई हिंसा नहीं हुई. इस साल शोभा यात्रा में भीड़ काफी अधिक थी और लोग उत्तेजित नजर आ रहे थे. प्रशासन ने कहा कि इस कारण दोनों गुटों के बीच झड़प हुई.
‘बहुत दुख हुआ’
हिंसा पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुख की बात है. उन्होंने कहा, ‘हमें कल जैसे ही पता चला अलर्ट होकर तेजी से काम किया गया. उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ये किसी ने जानबूझकर किया है, हमने कहा है कि इस बारे में पता लगाया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में सबकुछ सही चल रहा था लेकिन अचानक से सबकुछ कैसे बिगड़ गया. जरूर किसी न किसी ने गड़बड़ी की होगी.’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था काफी सही चल रही थी, यह झगड़ा करवाया गया है. यह किसी की बदमाशी है.
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राजनीति गर्म, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
बिहार में दो समुदाय के बीच झड़प को लेकर राजनीति गर्म है. विपक्षी पार्टी भाजपा इस मौके भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है. आज बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने विधानसभा के बाहर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, ‘सरकार बिहार को आतंकवादियों का गढ़ बनाने की कोशिश कर रही है. सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाकर काम कर रही है. सासाराम में बम बनाते समय विस्फोट की घटना हुई. राज्य सरकार आखिर कबतक अल्पसंख्यकों की मेहमान नवाजी करती रहेगी.’
वहीं बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा, ‘सरकार के लोग कह रहे हैं कि यह हमलोगों की साजिश है लेकिन मैं कह रहा हूं कि इसकी एनआईए से जांच करवा ले. अगर सच्चाई जाननी है तो हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवा ले, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी.’
बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि यह हिंसा दर्शाता है कि बिहार को 2047 तक इस्लामिक राज्य बनाने की साजिश चल रही है.
वहीं बीजेपी नेताओं के आरोप का जवाब देते हुए बिहार के वित्तमंत्री ने कहा, ‘जो घटनाएं घटी है इसमें कुछ छिपा नहीं है. लोगों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की गई. अगर अमित शाह के अंदर थोड़ी भी हमदर्दी रहती तो वह लोगों से शांति की अपील करते. देश के गृहमंत्री कौन सी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं कि ‘उल्टा लटका देंगे’. बीजेपी के नेता भाषा की मर्यादा तोड़ रहे हैं. हम लोग समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे को खत्म नहीं होने देंगे.
बता दें कि बीते रविवार को नवादा में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि जब राज्य में बीजेपी की सरकार आएगी तो ‘दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा’.
वहीं सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था, ‘केंद्र को हक है कि राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगे. लेकिन रिपोर्ट के बहाने राजनीति की कोशिश कर रही है.’
जबकि कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए हालात बिगड़ने के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया.
‘बिहार को बनाना चाहते हैं बंगाल’
बिहार में हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री और फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने सत्ताधारी जेडीयू और राजद पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आज बिहार ममता बनर्जी के रास्ते पर चल रहा है. ममता बंगाल को मुस्लिम राष्ट्र बना रही हैं. ममता बनर्जी खुद बयान दे रही हैं कि रमजान का सम्मान करना चाहिए, यानी ममता बनर्जी को हिंदू धर्म की जगह रमजान ज्यादा प्यारा है. बिहार में भी वहीं कोशिश की जा रही है.’
बीते रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नवादा जिले के हिसुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘अगर बिहार में अराजकता कायम है, तो मैं मूक दर्शक नहीं बन सकता. राज्य देश का एक हिस्सा है.’
शाह ने कहा था, ‘2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से सत्ता में लाएं और विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाने में मदद करें. सारे दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा.’
अमित शाह के बयान को जेडीयू ने भड़काऊ करार दिया था. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, ‘ नवादा में अमित शाह के भाषण से स्पष्ट है कि बड़का झुट्ठा पार्टी (BJP) हताश हो गई है और बौखलाहट में है. आप महामहिम राज्यपाल से रोज दिन में 10 बार बात कीजिए हम लोगों को क्यों तकलीफ होगी? बंगाल, केरल और महाराष्ट्र में लोग गवाह हैं, सब देख चुके हैं कि राज्यपाल जैसी संस्था का राजनीतिक उपयोग आपलोग किस तरह करते हैं. आप चाहें तो 2024 लोकसभा चुनाव तक अपना आवास राजभवन में ही रख लीजिए. परिणाम आपको 2015 वाला ही मिलेगा. 2024 में भाजपा मुक्त भारत होगा, बिहार से बड़का झुट्ठा पार्टी को शून्य ही मिलेगा.’
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