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जवाहर सुरंग को आधुनिक प्रौद्योगिकी से उन्नत किया गया, दिसंबर में खोलने की योजना: रक्षा मंत्रालय

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नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में 68 साल पुरानी जवाहर सुरंग को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से उन्नत किया गया है और इसे दिसंबर में आम लोगों के लिए खोलने की योजना है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित ढाई किलोमीटर लंबी यह सुरंग कश्मीर घाटी और लेह को भारत के शेष हिस्सों से जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में काम करती है।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 1956 में निर्मित जवाहर सुरंग को व्यापक जीर्णोद्धार किया है।

उसने कहा, ‘‘यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को बढ़ाने के लिए जवाहर सुरंग को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से उन्नत किया गया है, जिससे यह आधुनिक सुरंगों के समान हो गई है।’’

मंत्रालय के मुताबिक, जवाहर सुरंग दिसंबर में आवागमन के लिए खोल दी जाएगी।

बयान के अनुसार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 62.5 करोड़ रुपये की लागत से सुरंग का जीर्णोद्धार किया गया।

इसमें कहा गया है कि जीर्णोद्धार कार्य को बीआरओ के ‘प्रोजेक्ट बीकन’ के माध्यम से लगभग एक साल में पूरा किया गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरंग में उच्च रेजोल्यूशन वाले 76 सीसीटीवी कैमरे और ‘स्मोक एवं फायर सेंसर’ लगाने के साथ ही वास्तविक समय में निगरानी के लिए केंद्रीकृत निगरानी कक्ष स्थापित किया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (एनएच-44) के वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करती है। उसने बताया कि तेल टैंकर और विस्फोटक लदे वाहन को नवनिर्मित काजीकुंड-बनिहाल सुरंग से गुजरने की अनुमति नहीं है, लेकिन वे इस सुरंग का इस्तेमाल कर सकेंगे।

भाषा पारुल सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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