scorecardresearch
बुधवार, 4 जून, 2025
होमदेशजवाहर नवोदय विद्यालय अन्य जिले के होने के कारण छात्र को प्रवेश देने से नहीं रोक सकते : उच्च न्यायालय

जवाहर नवोदय विद्यालय अन्य जिले के होने के कारण छात्र को प्रवेश देने से नहीं रोक सकते : उच्च न्यायालय

Text Size:

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहर नवोदय विद्यालय को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि किसी छात्र को मात्र इस आधार पर प्रवेश से वंचित नहीं किया जाए कि वह उस जिले का नहीं है जहां पर स्कूल स्थित है।

न्यायमूर्ति सी.हरि शंकर ने जवाहर नवोदय विद्यालय, मुंगेशपुर के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें एक छात्रा को प्रवेश देने से मना किया गया था। अदालत ने कहा कि छात्रा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश की अर्हता रखती है और वहां पर अपनी पढ़ाई जारी रखेगी।

अदालत ने यह आदेश एक छात्रा की याचिका पर सुनाया जिसने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई राष्ट्रीय राजधानी के पेशवा रोड स्थित नवयुग स्कूल में की थी और मुंगेशपुर स्थित जवाहर नवोदय स्कूल में छठी कक्षा में प्रवेश चाहती थी।

स्कूल ने छात्रा को इस आधार पर प्रवेश देने से मना कर दिया था कि उसकी पिछली पढ़ाई नयी दिल्ली जिले में हुई थी जबकि मुंगेशपुर इलाका उत्तर पश्चिम दिल्ली के अंतर्गत आता है।

उच्च न्यायालय ने घ्यान दिलाया कि उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने इसी प्रकार के मामले पर गौर किया था। एक खण्डपीठ में यह मामला लंबित होने के दौरान एक अंतरिम उपाय के तौर पर पूर्व याचिका वाले छात्रा को जवाहर नवोदय विद्यालय, में पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाती है।

न्यायमूर्ति शंकर ने कहा, ‘‘जेएनवी (जवाहर नवोदय विद्यालय) को इसलिए यह सुनिश्चित करने निर्देश दिया जाता है अब से (पूर्व) निर्णय का अनुपाल किया जाए तथा छात्रों को इस आधार पर जेएनवी में प्रवेश से वंचित नहीं रखा जाए कि वे उस जिले के नहीं हैं जहां जेएनवी स्थित है जिससे प्रत्येक छात्र को मुकदमेबाजी के लिए मजबूर न होना पड़े। ’’

भाषा

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments