छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), 30 अप्रैल (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को कहा कि कुनबी मराठा के ‘सगे-संबंधियों’ पर कानून बनाने के संबंध में मसौदा अधिसूचना की अपने समुदाय की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए वह 29 अगस्त को अनशन करेंगे।
जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में उन्होंने राज्य सरकार के समक्ष छह जून की समयसीमा तय की और कहा कि अगर सरकार इसे पूरा करने में विफल रहती है, तो समुदाय मुंबई में अनशन की योजना पर आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम 29 अगस्त को मुंबई जाएंगे। हमने मराठा समुदाय से ‘चलो मुंबई’ का आह्वान किया है, क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है।’’
जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से छह जून से पहले मराठा समुदाय की मांग पूरी करने की अपील करता हूं। उस समय तक हमारी सारी मांगें पूरी हो जानी चाहिए…यह (शैक्षणिक) प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम 29 अगस्त की अपनी योजना पर आगे बढ़ेंगे…हम स्थानीय निकाय चुनाव में किसी को जीतने नहीं देंगे।’’
उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय मांगों के पूरा होने का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा है।
जरांगे ने कहा, ‘‘इस साल 30 जनवरी को हमने अपना अनशन स्थगित कर दिया था, क्योंकि हमसे वादा किया गया था कि हमारी चार मांगों को तुरंत लागू किया जाएगा और उन्होंने ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय मांगा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समुदाय के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हमने मुंबई जाकर अनशन पर बैठने का फैसला किया है। उस समय तक, किसान अपनी बुवाई का काम पूरा कर लेंगे। साथ ही, पहलगाम आतंकी घटना के बाद वर्तमान में बहुत सी चीजें हो रही हैं।’’
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के सदस्य और उनके बच्चे तभी समृद्ध होंगे जब उन्हें आरक्षण मिलेगा।
जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की मांग कर रहा है, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में शामिल किया जा सके।
राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के उन सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने के संबंध में न्यायमूर्ति संदीप शिंदे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिन्हें (या जिनके पूर्वजों को) निजाम युग के दस्तावेजों में कुनबी कहा गया था।
कुनबी (कृषि से जुड़ा समुदाय) महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
सरकार को रिपोर्ट सौंपने के लिए न्यायमूर्ति शिंदे समिति की तारीफ करते हुए जरांगे ने कहा, ‘‘सरकार रिपोर्ट स्वीकार करेगी और इसमें कोई संदेह नहीं है। मैं सरकार की भी सराहना करता हूं।’’
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा, ‘‘उन्हें (आतंकवादियों को) बेरहमी से गोली मार देनी चाहिए। पूरा देश इस मामले में सरकार के साथ है। जब ऐसे हमले होते हैं, तो उन्हें (दुश्मन को) राख में मिला देना चाहिए। हम बम गोदाम में क्यों रखे हुए हैं?’’
भाषा सुरभि आशीष
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