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Tuesday, 26 August, 2025
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जरांगे मुंबई में 29 अगस्त से आरक्षण आंदोलन पर अड़े; सरकार की समझाने की कोशिश असफल

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छत्रपति संभाजीनगर, 26 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र सरकार की समझाने-बुझाने की कोशिशों के बावजूद समाजसेवी मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि वह 29 अगस्त से मुंबई में मराठा आरक्षण के लिए फिर से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

गणेश उत्सव के एक दिन पहले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) राजेंद्र साबले पाटिल जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में जरांगे से मिलने गए। पाटिल ने जरांगे से आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि प्रदर्शनकारी किस रास्ते से मुंबई जाएंगे।

बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि जरांगे बिना अनुमति के प्रदर्शन नहीं कर सकते। हालांकि जरांगे ने कहा कि उनके वकील आवश्यक राहत के लिए अदालत का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि वह और उनके समर्थक 27 अगस्त को मुंबई के लिए रवाना होंगे।

जरांगे ने मुख्यमंत्री फडणवीस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह मराठा समुदाय के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण रोक रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वकीलों की टीम अदालत जाएगी… मुझे विश्वास है कि अदालत हमारी बात सुनेगी और हमें मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति देगी। हम अदालत के सभी निर्देशों का पालन करेंगे।’’

राजेंद्र साबले पाटिल ने बताया कि उन्होंने जरांगे से आग्रह किया था कि क्या वह गणेशोत्सव के मद्देनजर आंदोलन स्थगित कर सकते हैं।

जरांगे मराठा समुदाय को कुनबी जाति (अन्या पिछड़ा वर्ग में शामिल एक जाति) के रूप में मान्यता दिलाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, ताकि उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सके।

जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण देने के लिए मंगलवार (26 अगस्त) तक का ‘अल्टीमेटम’ दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो 27 अगस्त, गणेश चतुर्थी के दिन से मुंबई की ओर पदयात्रा शुरू की जाएगी और 29 अगस्त को आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा।

पाटिल के साथ संवाददाताओं की मौजूदगी में हुई चर्चा में जरांगे ने कहा, “हमने दो साल इंतजार किया। भाजपा विधायक सुरेश धस मेरे पिछले आमरण अनशन के दौरान मिले थे और तीन महीने का समय मांगा था। अगर सरकार मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण देती है, तो हम देवेंद्र फडणवीस से मित्रता करेंगे।”

उन्होंने साफ कहा, “अगर आरक्षण मिला, तो हम मुंबई नहीं जाएंगे, नहीं मिला तो जाएंगे। आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।”

जरांगे ने राज्य सरकार से मुंबई के आजाद मैदान तक पहुंचने के लिए एक समर्पित मार्ग देने की अपील की, ताकि गणेशोत्सव के दौरान कोई व्यवधान न हो।

उन्होंने पाटिल से कहा कि वह भाजपा सरकार को यह संदेश दें कि मराठा समुदाय 10 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण से कम पर नहीं मानेगा।

जरांगे ने फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आरक्षण देने में बाधा डाल रहे हैं और ऐसा अत्याचार ब्रिटिश काल में भी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन तो ब्रिटिश काल में भी हुए। सरकार मराठा समुदाय की सहनशक्ति की परीक्षा न ले। चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, हम कल मुंबई जाएंगे। आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।’’

उन्होंने कहा कि वे लोग अदालत पर भरोसा रखते हैं और कानूनी तरीके से शांतिपूर्वक आंदोलन करेंगे।

इस बीच, एमी फाउंडेशन की एक जनहित याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है, लेकिन प्रदर्शन केवल अनुमत स्थानों पर ही होना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में कानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे प्राधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते।

अदालत ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता।

मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे एवं न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, लेकिन (विरोध) प्रदर्शन केवल निर्धारित स्थानों पर ही होने चाहिए।

पीठ ने कहा कि सरकार इस बारे में निर्णय ले सकती है कि प्रतिवादी (जरांगे) को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए नवी मुंबई के खारघर में कोई वैकल्पिक स्थान दिया जाए या नहीं, ताकि मुंबई में जनजीवन बाधित न हो।

महाधिवक्ता बीरेन्द्र सराफ़ ने कहा कि गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान पुलिस बल पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अत्यधिक बोझ होता है और बड़ी संख्या में लोगों का एकत्र होना भारी तनाव एवं गंभीर असुविधा का कारण बनेगा।

पीठ ने जरांगे को नोटिस जारी कर याचिका पर उनका जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई नौ सितंबर के लिए निर्धारित कर दी।

इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वे उम्मीद करते हैं कि जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज के सच्चे अनुयायी हैं, वे गणेश चतुर्थी जैसे बड़े त्योहार को बाधित नहीं करेंगे।

भाषा मनीषा सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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