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जरांगे ने भूख हड़ताल समाप्त की, शिंदे ने मराठा के लिए ओबीसी लाभ की घोषणा की

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(तस्वीरों के साथ जारी)

मुंबई, 27 जनवरी (भाषा) मराठा समुदाय के लोगों के आरक्षण के लिए आंदोलनरत कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांगें महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिए जाने के बाद उन्होंने शनिवार को अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि मराठा समुदाय को जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए जाने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे।

जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर नवी मुंबई के वाशी में शुक्रवार को अपने हजारों समर्थकों की मौजूदगी में भूख हड़ताल शुरू की थी।

जरांगे (40) ने पिछले शनिवार को हजारों लोगों के साथ महाराष्ट्र के जालना जिले से विरोध मार्च शुरू किया था। उनकी 26 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करने की योजना थी।

जरांगे शुक्रवार सुबह वाशी पहुंचे थे और वह एवं उनके हजारों समर्थक रात भर वहीं रहे। दरअसल, मुंबई पुलिस ने जरांगे को नोटिस जारी कर कहा था कि शहर के किसी मैदान में इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के आ सकने की जगह नहीं है।

जरांगे ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि यदि रात तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह और उनके समर्थक आजाद मैदान में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के लिए शनिवार को मुंबई में प्रवेश करेंगे। सरकार ने जरांगे से बातचीत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजकर उन्हें मुंबई में नहीं आने के लिए मनाने की कोशिश की थी।

महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार रात जरांगे की विभिन्न मांगों के संबंध में उन्हें एक मसौदा अध्यादेश भेजा था। शिंदे ने मांगों पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और बाद में जरांगे से मिलने के लिए मसौदा अध्यादेश के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजा।

महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर मराठा समुदाय के सदस्यों के उन सभी सगे-संबंधियों को कुनबी के रूप में मान्यता दे दी है, जिनके कुनबी जाति से संबंध होने के रिकॉर्ड मिले हैं।

कुनबी एक कृषक समुदाय है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है और जरांगे मराठा समुदाय के सभी लोगों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाने की मांग कर रहे हैं।

जरांगे ने शनिवार सुबह अपना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की और कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं।

शिंदे पूर्वाह्न करीब पौने 11 बजे धरना स्थल पहुंचे। इसके बाद जरांगे ने मुख्यमंत्री द्वारा जूस पिलाए जाने के बाद अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी।

शिंदे ने इस अवसर पर कहा, ‘‘मराठा समुदाय को जब तक आरक्षण नहीं मिलता, तब तक उन्हें ओबीसी को मिलने वाले सभी अधिकार और लाभ मिलते रहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कुनबी रिकॉर्ड का पता लगाने के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) समिति को विस्तार दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘समुदाय के सदस्यों से शपथ पत्र एकत्र करने के लिए शिविर लगाए गए हैं और मराठा के बीच कुनबी वंश की पहचान और सत्यापन के लिए तालुका स्तर पर एक समिति भी बनाई गई है।’’

शिंदे ने कहा, ‘‘मैं लोगों के हित और उनके कल्याण के लिए फैसले लेता हूं, वोट के लिए नहीं।’’

उन्होंने कहा कि कई शीर्ष नेता मराठा समुदाय से संबंध रखते हैं लेकिन लोगों को वह न्याय नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार हैं।

शिंदे ने कहा, ‘‘यह मेरे काम करने का तरीका है कि मैं अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करता हूं। मैं एक किसान का बेटा हूं और आपके दर्द एवं पीड़ा को समझता हूं। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने शपथ ली थी कि मैं मराठा समुदाय को आरक्षण दूंगा और मैं इसे पूरा कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि समुदाय में एकजुटता है और उसने अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया।

जरांगे ने उनकी मांगें मान लिए जाने पर खुशी जताई।

उन्होंने कहा, ‘‘समान जाति में विवाह करने वाले ऐसे मराठा आवेदक के सभी सगे संबंधियों और परिवार के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए जिसके कुनबी जाति से होने की बात रिकॉर्ड में दर्ज है। हमने मांग की थी कि सभी 54 लाख प्रमाणपत्र तुरंत दिए जाएं।’’

जरांगे ने कहा कि न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) समिति को एक साल का विस्तार दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मराठा समुदायों को भड़काया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम मराठा समुदाय और ओबीसी के बीच संघर्ष नहीं चाहते।’’

जरांगे ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि अधिसूचना में कोई बाधा न आए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं मुंबई के आजाद मैदान में आकर भूख हड़ताल करूंगा।’’

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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