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Wednesday, 8 January, 2025
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जरांगे व धास ने सरपंच हत्याकांड की गंभीरता को कम किया: ओबीसी कार्यकर्ता का आरोप

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छत्रपति संभाजीनगर, आठ जनवरी (भाषा) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कार्यकर्ता लक्ष्मण हेके ने बुधवार को मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले मनोज जरांगे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस पर सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड की गंभीरता को कम करने का आरोप लगाया।

बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को नौ दिसंबर को अगवा कर लिया गया और उनकी प्रताड़ित कर हत्या कर दी गई। आरोप है कि उनकी हत्या पनचक्की परियोजना से जुड़ी एक ऊर्जा कंपनी के खिलाफ जबरन वसूली के प्रयासों को रोकने के लिए की गई थी। पुलिस ने उनकी हत्या के मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

हत्या ने जातीय टकराव का रूप ले लिया है, क्योंकि देशमुख मराठा थे जबकि मामले के ज्यादातर आरोपी वंजारी समुदाय से हैं जो बीड क्षेत्र का प्रभावी समुदाय है।

धस सहित विपक्षी और सत्तारूढ़ दलों के कुछ नेताओं ने वंजारी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की है और आरोप लगाया है कि उनके सहयोगी वाल्मिक कराड और हत्या मामले के बीच संबंध हैं।

छत्रपति संभाजीनगर में देशमुख की शोक सभा में हेके ने कहा, “मनोज जरांगे और सुरेश धस ने संतोष देशमुख हत्याकांड की गंभीरता को कम किया है…जब अंतरवाली सराटी में (जरांगे के आरक्षण आंदोलन के दौरान) पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ था, तब धस कहां थे?”

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद धस की भाषा बदल गई है। उन्होंने मुंडे को हराने के लिए काम किया, लेकिन मुंडे के जीतने के बाद अब धस कोशिश कर रहे हैं कि मुंडे बीड के प्रभारी मंत्री न बनें।

हेके ने दावा किया, “हमने ऐसी घटनाओं पर कभी राजनीति नहीं की। हमने कभी किसी का जाति के आधार पर समर्थन नहीं किया और न ही मार्च निकाला, लेकिन यहां एक विशेष समुदाय के खिलाफ जहर फैलाया जा रहा है।”

जरांगे पर हमला करते हुए हेके ने कहा, “वह दुर्घटनावश नेता बन गए। उन्हें आरक्षण के मुद्दे के बारे में कुछ पता नहीं… एक समय था जब मुसलमानों को निशाना बनाया जाता था, उसके बाद दलितों को। लेकिन हाल में ओबीसी समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है।”

उन्होंने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार पर भी हमला किया और पूछा कि वह सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मिलने क्यों नहीं गए, जिनकी परभणी में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।

पिछले महीने संविधान की कांच की प्रतिकृति के अपमान को लेकर परभणी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद सूर्यवंशी की मौत हो गई थी।

भाषा

नोमान नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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