टोक्यो: भारत में पांच से अधिक स्थानों पर जापान ने हाई-स्पीड रेल नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनाई है. जिसे आमतौर पर बुलेट ट्रेन के नाम से जाना जाता है, मुंबई-अहमदाबाद क्षेत्र के बीच पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के 2022 के सरकार के लक्ष्य में देरी होने की संभावना है. इस परियोजना में वर्ष 2023 तक देरी हो सकती है.
इंटरनेशनल हाई-स्पीड रेल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष टोर्केल पैटरसन ने दिप्रिंट से कहा कि ‘भारत में पांच और स्थानों पर हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी स्थापित करने की योजना है. बातचीत अभी शुरू होनी है. लेकिन प्लान तैयार है. यह मुंबई और अहमदाबाद के बीच स्थापित होने जा रहे पहले प्रोजेक्ट के रोल आउट पर निर्भर करेगा.
पैटरसन जो कि सेंट्रल जापान रेलवे कंपनी (जेआर-सेंट्रल) के निदेशक भी हैं, ने कहा कि नई दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क स्थापित करने की योजना है. जेआर-सेंट्रल, एक निजी जापानी रेलवे फर्म है, जो कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का निर्माण कर रही है.
‘मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन में देरी होगी’
दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो अबे द्वारा सितंबर 2017 में आधिकारिक तौर लगभग 12 बिलियन डॉलर की लागत से निर्मित होने वाली 505 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का उद्घाटन किया गया था और एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे.
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बुलेट ट्रेन जो करीब 320 किमी/घंटे की अधिकतम गति से चलती है. इसके मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी 2 घंटे 7 मिनट में तय करने की उम्मीद है, और इस रूट पर यह 12 स्टेशनों को कवर करेगी.
पैटरसन ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना 2023 से पहले चालू नहीं होगी. क्योंकि भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दे अभी हैं.
उन्होंने यह भी कहा ‘अभी हम वहां भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का सामना कर रहे हैं और यह (परियोजना) बहुत धीमे चल रही है. यदि समय पर ज़मीन नहीं दी जाती है, तो देरी होने की संभावना है. जब हमें भूमि आवश्यक मात्रा में मिल जाएगी उसके बाद परियोजना को पूरा करने में कम से कम पांच साल लगेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि टिकटों और अन्य राजस्व मॉडल की कीमत पर उच्च गति वाले रेल पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन किया जाएगा.
‘बुलेट ट्रेन परियोजना बदल देगी भारत की अर्थव्यवस्था’
पैटरसन के अनुसार बुलेट ट्रेन परियोजना, जो कि जापानी ‘शिंकानसेन’ तकनीक का उपयोग करेगी. यह भारत की अर्थव्यवस्था में ‘परिवर्तन’ लाएगी जैसा कि उसने जापान में किया था.
‘शिंकानसेन’ केवल परिवहन नहीं है. यह परिवर्तन है. यह उन शहरों को जोड़ेगा जो किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण हैं. शहर आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए ड्राइविंग कर रहे हैं और इसलिए यह ज़रूरी है कि शहरों को एकीकृत किया जाए.’
पैटरसन ने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट देश में कहीं पर भी नहीं लगाया जा सकता है. केवल इकॉनॉमिक हब के आसपास ही रहता है.
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उन्होंने कहा कि जापान सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद क्षेत्र में पहला हाई-स्पीड रेल नेटवर्क बनाने के लिए इसलिए चुना क्योंकि मुंबई भारत का वित्तीय केंद्र है और अहमदाबाद देश के हीरा व्यापार का केंद्र है.
(संवाददाता जापान के विदेश मंत्रालय द्वारा निमंत्रण पर गई थीं, वह जापान के टोक्यो में थीं )
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