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Wednesday, 8 May, 2024
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जनता कर्फ्यू के दौरान पीलीभीत में भीड़ जुटाने पर हो रही है डीएम-एसपी की आलोचना, हो सकती है कार्रवाई

जनता कर्फ्यू के दौरान यूपी के पीलीभीत के डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी अभिषेक दीक्षित ने शहर में भ्रमण कर लोगों की भीड़ जमा की थी.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च यानि रविवार के दिन जनता कर्फ्यू का आग्रह किया था. सब लोगों को अपने घरों में ही रहने और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने का आग्रह किया था. साथ ही उन्होंने कहा था शाम के पांच बजे अपने घरों की बालकनी में आकर थाली, ताली और घंटी बजाकर कोरोना महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों और नर्सों के प्रति कृतज्ञता दिखाएं. हालांकि, पीएम मोदी के इस आग्रह को कई लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया.

एक तरफ जहां देश के कई कोनों में शाम के पांच बजते ही लोगों ने अपने घरों की बालकनी में आकर थाली और ताली बजाई, तो कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतरे और जुलूस निकाला. इस जुलूस में कई जगह नौकरशाह भी शामिल थे जिनपर जिम्मा था कि वो जनता कर्फ्यू लागू करने में सरकार की मदद करेंगे.

यूपी के पीलीभीत के डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी अभिषेक दीक्षित ने शहर में भ्रमण कर लोगों की भीड़ जमा की. इस दौरान के वीडियोज और तस्वीरों को पीलीभीत पुलिस के आधिकारिक हैंडल से ट्विटर पर भी पोस्ट किया गया. लेकिन इसके बाद अधिकारियों की चौतरफा आलोचना होने लगी. इन वीडियोज में वो लोगों की भीड़ के बीच शंख बजाते हुए भी दिख रहे हैं.

ये वीडियो प्रशासनिक अधिकारियों के अनाधिकारिक व्हॉटसऐप ग्रुप्स में भी फैल गई. इन ग्रुप्स में इस तरह की आलोचना पर कई अधिकारी शर्मिंदा हुए तो कइयों ने इसकी जमकर आलोचना की.

एक युवा अधिकारी नाम नाम छापने की शर्त पर बताते हैं, ‘अधिकारी इस बात पर शर्मिंदा हो रहे थे कि अगर हम पढ़े-लिखे नौकरशाह भी इस तरह का व्यवहार करेंगे तो आमजनता को कैसे कर्फ्यू का महत्व समझाएंगे? सरदार पटेल का स्टील फ्रेम आज शंख बजाते हुए घूम रहा है. निश्चित रूप से पीएम मोदी भी इस बात से खुश नही होंगे.’

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एक अन्य अधिकारी कहते हैं, ‘कई लोग नाराज भी हुए. इन वीडियोज को नोनसेंस तक कहा. हम पुजारी नहीं हैं.’ इसी तरह के एक ग्रुप में डीओपीटी में काम कर चुके एक अधिकारी ने लिखा कि ऐसे अधिकारियों पर एक्शन लिया जाना चाहिए.

कई अधिकारियों ने ट्विटर भी खुलकर इसके खिलाफ नाराजगी दिखाई. आईआरएसध्रुव सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ‘यूपीएससी पास कर चुके कोविडिएट्स.’ कई रिटायर्ड अधिकारियों ने भी इसे बेवकूफी भरा बताया है.

एक अन्य युवा अधिकारी ने द मैन हू रुल्ड इंडिया के आईसीएस अफसरों की काबिलियत से तुलना करते हुए इनको हास्यास्पद बताया.

अधिकारियों के अलावा राजनेताओं ने भी एक्शन की मांग की है. भाजपा नेता वरुण गांधी ने लिखा है, ‘मैं और देश के कई अन्य लोग कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए क्वेरेंटाइन में चले गए हैं. पीलीभीत के डीएम और एसपी का ये व्यवहार बेहद गैर जिम्मेदाराना है. पीएम मोदी ने हमें इसे गंभीरता से काम लेना चाहिए. मैं आग्रह करता हूं कि नियमों का उल्लंखन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.’

लोगों के जश्न वाले वीडियोज आने के बाद पीएम मोदी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया है, ‘लॉकडाउन को अभी भी लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं और निर्देशों को गंभीरता से लें. राज्य सरकारों से अनुरोध है कि नियमों और कानूनों का पालन करवाएं.’

हालांकि, इस आलोचना के बाद डीएम वैभव श्रीवास्तन ने जुलूस वाली बात का खंडन करते हुए लिखा है कि ये खबरें एकतरफा हैं. उनके मुताबिक रविवार को जनता भावनात्मक जुड़ाव के कारण बाहर आ गई थी और बल प्रयोग करना व्यवहारिक नहीं था. उन्होंने अपना एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वो लोगों को समझाते हुए नजर आ रहे हैं.

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