जम्मू, 17 मार्च (भाषा) केंद्र सरकार ने 223 किलोमीटर लंबी जम्मू-पुंछ रेलवे लाइन परियोजना को ‘वित्तीय रूप से अव्यावहारिक’ होने के कारण एक बार फिर से टाल दिया है। एक अधिकार कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के हवाले से बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
रेल मंत्रालय ने जम्मू के कार्यकर्ता रमन शर्मा द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर दो आवेदनों के जवाब में यह जानकारी दी।
जम्मू और सीमावर्ती जिले पुंछ के बीच राजौरी के माध्यम से ब्रॉड-गेज लाइन बिछाने की परियोजना की अंतिम सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018 में 22,771 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ प्रस्तुत की गई थी।
यह दूसरी बार है जब केंद्र सरकार ने अखनूर, सुंदरबनी और नौशेरा जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली परियोजना को स्थगित कर दिया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने जनवरी 2014 में इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
परियोजनाओं के निदेशक और रेलवे बोर्ड के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) पंकज कुमार द्वारा सात और 15 मार्च को प्रदान की गई आरटीआई जानकारियों के अनुसार, जम्मू और पुंछ के बीच 223 किलोमीटर की लंबाई वाली नयी रेलवे लाइन का सर्वेक्षण 2017-18 में पूरा हुआ था। लेकिन, ‘वित्तीय रूप से अव्यवहार्य’ होने के कारण परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
जम्मू को सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी से जोड़ने के लिए लोगों द्वारा रेलवे लाइन की लंबे समय से मांग की जा रही है। लोग उस समय आशान्वित हो गए थे जब 2008 के एक सर्वेक्षण में इसकी परिकल्पना की गयी थी और मार्च 2012 में इसे एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित किया गया था।
भाषा रवि कांत उमा
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