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Saturday, 21 December, 2024
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जोशीमठ की तरह अब जम्मू कश्मीर के डोडा में पड़ीं दरारें, खाली कराए गए घर

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हाईप क्रिएट करने की जरूरत नहीं है. सरकार और प्रशासन मामले पर नजर बनाए हुए है.

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नई दिल्ली: उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले दिनों कई इलाकों में दरारें पढ़ने की समस्या देखी गई थी अब इसी तरह की खबरें जम्मू कश्मीर के डोडा जिले से आ रही हैं. डोडा में दरार पड़ने और भूस्खलन से करीब 21 संरचनाएं प्रभावित हुई हैं जिसके कारण लोगों में दहशत का माहौल है.

बता दें कि दरारें पढ़ने की ख़बर मिलते ही डोडा प्रशासन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम उस स्थान पर पहुंची जहां 21 संरचनाएं धंसने की सूचना मिली थी.

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है. हाईप क्रिएट करने की जरूरत नहीं है. सरकार और प्रशासन मामले पर नजर बनाए हुए है. वैज्ञानिकों के सुझावों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया जाएगा.’

इससे पहले एसडीएम अतहर अमीन जरगर ने जानकारी देते हुए कहा था, ’21 संरचनाएं कल प्रभावित हुईं. प्रभाव क्षेत्र उसी तक सीमित है, जैसा कि शानिवार सुबह देखा गया.’

उन्होंने आगे बताया, ‘उपायुक्त डोडा और उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से स्थिति की निगरानी की जा रही है. स्थिति अभी नियंत्रण में और सरकार ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम भेजी और वे अपना अध्ययन कर रहे हैं. वे अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे साथ ही लोगों ने भी इलाका खाली कर दिया है.’

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी शुक्रवार को कहा था कि एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम जम्मू-कश्मीर के डोडा में घरों में दरार पड़ने की वजह का पता लगाएगी.

सिंह ने सोशल मीडिया पर यह भी बताया कि घाटी में प्रभावित घरों के निवासियों के लिए एक राहत शिविर बनाया गया है.

उन्होंने लिखा, ‘मैं डीसी डोडा, श्री विशेष महाजन के संपर्क में हूं. प्रभावित घरों के निवासियों के लिए एक राहत शिविर बनाया गया है. इस बीच, अंतर्निहित प्रेरक कारकों का अध्ययन करने के लिए एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण दल पहले से ही प्रभावित स्थान पर पहुंच चुका है.’

डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर अमीन जरगर के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में एक घर में दरारें दिखनी शुरू हुई थीं और अब ये बढ़नी शुरू हो गई हैं.

उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम गठित करने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘शुरुआती आकलन कल रात किया गया था और नेशनल हाईवे के भूवैज्ञानिक भी रात और सुबह यहां आए थे. वे आज शाम तक अपनी आकलन रिपोर्ट सौंप देंगे.’

गौरतलब है कि हाल ही में, उत्तराखंड स्थित जोशीमठ के घरों में भी इसी दरारें आ गईं थी. तब उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के सभी नौ नगरपालिका वार्डों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत ‘भूस्खलन-अवतलन क्षेत्र’ घोषित कर दिया और इन क्षेत्रों से लोगों को शिफ्ट कर दिया गया था.


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