श्रीनगर: 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की पुण्यतिथि मनाने के लिए बंद के बीच रविवार को कश्मीर में एक बार फिर इंटरनेट सेवाएं को निलंबित कर दिया गया है. अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को दिल्ली में फांसी दी गई थी.
घाटी में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान को जेकेएलएफ की ओर से बुलाये गए हड़ताल में पूरे कश्मीर में बंद की संभावना है. सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बाधित कर दिया गया है. केवल इस क्षेत्र में सड़कों पर निजी वाहनों का आवागमन हो सकेगा.
प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं भी रोक दीं.
एक सरकारी अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘इन उपायों को सावधानी के तौर पर लिया गया है और हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं … इंटरनेट सेवाओं को स्थिति की समीक्षा के बाद बहाल किया जाएगा.’
अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण पांच महीने के पूर्ण बंद के बाद कश्मीर में आंशिक इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई थी.
हुर्रियत कांफ्रेंस और जेकेएलएफ के नेता नजरबंदी में हैं- जबकि गिलानी पिछले साल धारा 370 को खत्म करने के बाद से घर में नजरबंद हैं. मलिक दिल्ली के तिहाड़ जेल में कथित आतंकी फंडिंग मामले में अपनी भूमिका के लिए बंद हैं.
(अजान जावेद के इनपुट के साथ)