(तस्वीरों के साथ)
जम्मू, 26 मई (भाषा) कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों समेत करीब 4,500 श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को यहां नगरोटा से कश्मीर के वार्षिक खीर भवानी मेले में शामिल होने के लिए रवाना हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
ज्येष्ठ अष्टमी को आयोजित होने वाला वार्षिक खीर भवानी मेला घाटी में तुल्मुल्ला (गांदरबल), टिक्कर (कुपवाड़ा), लक्तीपुरा ऐशमुकाम (अनंतनाग), माता त्रिपुरसुंदरी देवसार (कुलगाम) और माता खीर भवानी मंजगाम (कुलगाम) के मंदिरों में 28 मई को आयोजित होगा।
चार दिवसीय इस तीर्थयात्रा को नगरोटा इलाके से आज संभागीय आयुक्त (जम्मू) रमेश कुमार, राहत आयुक्त के के सिधा और प्रतिष्ठित कश्मीरी पंडित नेताओं ने हरी झंडी दिखायी।
रमेश कुमार ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राहत विभाग, प्रशासन और सुरक्षाबलों ने इस तीर्थयात्रा को सफल बनाने के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं।’’
ऐसा अनुमान है कि इस साल भारत तथा विदेश के विभिन्न हिस्सों से 60,000 से 70,000 कश्मीरी पंडित इस वार्षिक मेले के दौरान घाटी में पांच प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन के लिए आ सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के प्रसिद्ध रागन्या देवी मंदिर में तैयारियां जोरों पर हैं।
मेले का आयोजन करने वाले ‘धर्मार्थ ट्रस्ट’ ने कहा कि सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। व्यवस्थाओं को कुछ अंतिम रूप दिया जा रहा है।
ट्रस्ट के प्रबंधक दर्शन कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं सभी से बड़ी संख्या में आने और देवी का आशीर्वाद लेने की अपील करता हूं। धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से सभी प्रबंध कर लिए गए हैं।”
माता खीर भवानी वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष किरण वटाल ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल प्रशासन और पुलिस ने उत्कृष्ट बंदोबस्त और सुरक्षा उपाय किए हैं। सब कुछ सुचारु रूप से हो रहा है। इस यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है कि इतने व्यापक स्तर पर इंतजाम किए हैं।’’
भाषा जितेंद्र दिलीप
दिलीप
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