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जम्मू-कश्मीर: प्रमुख शिया धर्मगुरु का निधन

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श्रीनगर, 18 अप्रैल (भाषा) प्रमुख शिया धर्मगुरु एवं धार्मिक विद्वान आगा सैयद मोहम्मद बाकिर अल-मूसावी का शुक्रवार तड़के यहां संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे।

सूत्रों ने बताया कि बडगाम के प्रमुख आगा परिवार के मुखिया मूसावी के दो बेटे हैं।

उन्होंने बताया कि मूसावी पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थे और तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनके निधन पर समूचे राजनीतिक जगत में व्यापक शोक व्यक्त किया गया।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘प्रतिष्ठित शिया विद्वान, मौलवी और धार्मिक नेता अल्लामा आगा सैयद मोहम्मद बाकिर अल-मूसावी के निधन से गहरा दुख हुआ है।’’

मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक हैंडल पर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में धार्मिक विचार, सामाजिक सद्भाव और सार्वजनिक सेवा में उनके गहन योगदान ने एक ऐसी विरासत छोड़ी है जिसे गहरे सम्मान और स्नेह के साथ याद किया जाएगा। उनके परिवार और इस भारी क्षति से शोकाकुल अनुयायियों के प्रति हार्दिक संवेदना।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शिया विद्वान के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।

उन्होंने धार्मिक विचारों और सामुदायिक सेवा में मूसावी के योगदान को याद किया। अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘सम्मानित शिया धर्मगुरु, बड़े लेखक और धर्मशास्त्री आगा सैयद बाकिर मूसावी साहब के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ।’’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी उनके निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘‘बडगाम के अल्लामा आगा सैयद मोहम्मद बाकिर अल-मूसावी अल-नजफी के निधन से बहुत दुखी हूं। वह एक सम्मानित विद्वान और मार्गदर्शक थे। अल्लाह उनके ओहदे को ऊंचा करे और उन्हें जन्नत उल-फिरदौस (आमीन) प्रदान करें।’’

‘अपनी’ पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि विद्वान का निधन एक युग का अंत है और यह मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

बुखारी ने कहा, ‘‘उन्हें एक प्रतिष्ठित धार्मिक विद्वान और सम्मानित नेता के रूप में उनके गहन योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनकी शिक्षाएं और ज्ञान आने वाली पीढ़ियों के लिए लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन करता रहेगा। यह एक बहुत बड़ी क्षति है, खासकर कश्मीर के मुस्लिम समुदाय के लिए। अल्लाह उनकी आत्मा को जन्नत में सर्वोच्च स्थान प्रदान करें।’’

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने मूसावी के निधन को जम्मू-कश्मीर के धार्मिक और विद्वान हलकों के लिए बड़ी क्षति बताया।

मीरवाइज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘शोकसंतप्त परिवार और पूरे समुदाय के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और अल्लाह से दिवंगत आत्मा को जन्नत में सर्वोच्च स्थान देने की प्रार्थना करता हूं।’’

इस बीच, सैकड़ों लोग जनाजे की नमाज में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री अब्दुल्ला, उनके सलाहकार नासिर असलम वानी और मंत्री जावेद डार भी नमाज में शामिल हुए।

अब्दुल्ला ने बडगाम में पत्रकारों से कहा कि मूसावी का निधन जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत बड़ी क्षति है और उनकी लोकप्रियता का अंदाजा उनके जनाजे की नमाज में शामिल हुए लोगों की संख्या से लगाया जा सकता है।

मूसावी को बाद में आस्तान-ए-आलिया बडगाम में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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