जम्मू, पांच मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को लोगों को जम्मू के अखनूर सेक्टर में चिनाब नदी को पैदल पार न करने की चेतावनी दी। यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब नदी में पानी का बहाव सबसे कम हो गया है और सैकड़ों ग्रामीण नदी में जमा हो गए हैं एवं उनमें से कुछ लोग सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के खोजते नजर आए।
अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में गिरावट का कारण रामबन और रियासी जिलों में बगलिहार एवं सलाल बांधों से नदी में जलप्रवाह पर रोक लगाया जाना है।
केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के मद्देनजर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की थी। यह संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को नियंत्रित करती रही है।
पिछले सप्ताह गाद निकालने का अभियान चलाने के बाद, जलाशयों को फिर से भरने के लिए बगलिहार और सलाल बांधों के द्वार सोमवार को बंद कर दिए गए जिसके कारण चिनाब नदी के निचले हिस्से, विशेषकर अखनूर सेक्टर में जलस्तर में काफी गिरावट आई।
जलप्रवाह कम होने पर कई स्थानों पर सैकड़ों लोग पैदल चिनाब नदी पार करते हुए वीडियो बनाने के लिए उमड़ पड़े। नदी में कई उत्सुक स्थानीय लोगों ने टखने तक गहरे पानी में सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के भी तलाशने शुरू कर दिए।
खतरे को भांपते हुए, अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस दल लोगों को निकालने के लिए आगे आए, क्योंकि दोपहर बाद जल स्तर फिर बढ़ने लगा।
पुलिस कर्मियों को लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को पैदल नदी पार न करने की चेतावनी देते हुए देखा गया।
एक पुलिस अधिकारी ने लोगों से बाहर निकलने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘जलग्रहण क्षेत्र में बारिश हुई है और अचानक जल-स्तर बढ़ने की आशंका है।’’
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कभी भी जल प्रवाह में इस स्तर तक गिरावट नहीं देखी।
स्थानीय निवासी अंकुर शर्मा ने कहा, ‘‘संधि के निलंबन से सरकार को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए बाढ़ और सूखे जैसे चक्र को शुरू करने का मौका मिल गया। उन्हें पता होना चाहिए कि वे हर बार निर्दोष लोगों की हत्या करके बचकर नहीं भाग सकते।’’
भाषा राजकुमार नरेश
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