श्रीनगर, 12 जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर में हाल ही में दो पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी आदिल पर्रे रविवार को यहां पुलिस के साथ अचानक शुरू हुई मुठभेड़ में मारा गया। इसी के साथ रविवार को जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की संख्या तीन हो गई।
रविवार सुबह पुलवामा मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल पांच आतंकवादी मारे गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, पार्रे इस साल अमरनाथ यात्रा पर हमले की योजना बना रहा था। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी क्रेशबल पालपोरा इलाके में एक आतंकवादी की गतिविधि के बारे में मिली जानकारी के आधार पर श्रीनगर पुलिस की एक ‘विशेष टीम’ को तलाशी के लिए तैनात किया गया था।
प्रवक्ता के अनुसार, तलाशी के दौरान छिपे हुए आतंकवादी ने पुलिस दल पर गोलियां चलाईं और जवाबी कार्रवाई में गांदरबल निवासी आदिल पर्रे उर्फ अबू बकर नामक आतंकवादी मारा गया।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि पर्रे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक वर्गीकृत आतंकवादी था।
उन्होंने बताया कि आबिद खान के साथ पर्रे सितंबर 2021 में आतंकी संगठन में शामिल हुआ था और दोनों पिछले साल 2021 में श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके में नागरिकों और बाहरी लोगों पर हुए आतंकी हमलों में शामिल थे।
कुमार ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘गांदरबल का लश्कर आतंकवादी आदिल पर्रे, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो कर्मियों, संगम में जी. एच. हसन डार और अंचार सौरा में सैफुल्ला कादरी की हत्या में शामिल था, पुलिस की एक छोटी टीम के साथ अचानक हुई मुठभेड़ में मारा गया।’’
पुलिस के मुताबिक, शनिवार को एक आतंकवादी कुलगाम, जबकि दूसरा पुलवामा में मारा गया था। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह पुलवामा मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर हो गए, जबकि पर्रे को क्रेशबल पालपोरा में मार गिराया गया। इससे बीते 24 घंटे में घाटी में मारे गए आतंकवादियों की संख्या पांच हो गई। इस साल घाटी में अब तक 100 आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण-कश्मीर स्थित पुलवामा जिले के द्रबगाम गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर शनिवार को इलाके में सुरक्षाबलों ने घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया।
प्रवक्ता के अनुसार, जब सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों के संदिग्ध ठिकाने पर पहुंचे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने माकूल जवाब दिया और दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए, जिनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद कर लिए गए हैं। उनके अनुसार, तीनों की पहचान पुलवामा के गडूरा निवासी जुनैद अहमद शीरगोजरी, पुलवामा के द्रबगाम निवासी नजीर भट और पुलवामा के अराबल निकास निवासी इरफान अहमद मलिक के रूप में हुई है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, ये तीनों आतंकवादी पुलिस एवं सुरक्षाबलों पर हमले, आम लोगों के उत्पीड़न समेत कई आतंकी वारदातों में शामिल समूहों का हिस्सा थे।
प्रवक्ता ने बताया कि शीरगोजरी अपने साथी एवं पुलवामा के मोंघामा निवासी आबिद हुसैन के साथ 13 मई को पुलिसकर्मी रियाज अहमद की हत्या में शामिल था। आबिद हुसैन 30 मई को मारा गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (शीरगोजरी) पुलवामा-बडगाम के बाहर चडूरा में ईंट भट्टे पर दो जून को श्रमिकों पर किए गए हमले में भी संलिप्त था। इस हमले में एक मजदूर की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।’’
प्रवक्ता के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल से हथियार, गोला-बारूद आदि चीजें बरामद हुई हैं, जिन्हें आगे की जांच के लिए रिकॉर्ड के तौर पर रखा गया है।
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने बिना किसी नुकसान के पेशेवर तरीके से आतंकवाद रोधी अभियान चलाने को लेकर सुरक्षाबलों को बधाई दी।
इससे पहले, कुमार ने बताया कि घाटी में इस साल अब तक 99 आतंकवादियों को मार गिराया जा चुका है और पर्रे की मौत के साथ यह संख्या 100 हो गई है।
भाषा
संतोष पारुल
पारुल
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