राजौरी/जम्मू, 13 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर के राजौरी स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) एवं अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि वह भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान ड्यूटी से अनुपस्थित रहे अपने कई कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं करेगा। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि दंडित कर्मचारियों में संकाय सदस्य, कंसल्टेंट, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल कर्मी, तकनीकीकर्मी, मंत्रालयीकर्मी, ‘मल्टी-टास्किंग’ कर्मचारी, इंटर्न और कई अन्य शामिल हैं जो सात मई को शहर से भाग गए थे।
जीएमसी राजौरी के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) ए.एस. भाटिया ने आदेश में कहा, ‘‘उक्त अवधि को अनधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा और लागू नियमों और विनियमों के अनुसार उनके सेवा रिकॉर्ड/सेवा पंजी में उचित प्रविष्टियां की जाएंगी।’’
यह अस्पताल राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में पूरे पीर पंजाल क्षेत्र के लिए एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है। ये दोनों ही जिले पाकिस्तान की गोलाबारी में सबसे अधिक प्रभावित हुए।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान जम्मू कश्मीर में कुल 28 मौतों में से कम से कम 20 मौतें इन दो जिलों में हुईं, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए।
मृतकों में राजौरी के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा भी शामिल थे जिनकी 10 मई को राजौरी शहर में उनके आवासीय परिसर में गोला गिरने से जान चली गई थी।
भाषा सुभाष खारी
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