श्रीनगर, 31 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक जल धारा ‘शाह कुल’ पर अतिक्रमण करने के आरोपी 23 लोगों को नोटिस जारी किया है। यह मुगल काल के प्रसिद्ध निशात गार्डन के लिए प्राथमिक जल स्रोत थी।
जल धारा पर अवैध अतिक्रमण हटाने के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायमूर्ति राजेश ओसवाल की खंडपीठ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दो दिनों के भीतर अपनी पूरक अनुपालन रिपोर्ट में सूचीबद्ध अन्य अतिक्रमणकारियों का पूरा विवरण प्रस्तुत करें।
अदालत ने निर्देश दिया कि अतिक्रमणकारियों को श्रीनगर के उपायुक्त के माध्यम से नोटिस भेजा जाए।
अदालत ने आदेश दिया कि जनहित याचिका में पारित अंतरिम निर्देश, यदि कोई है तो, अगली तारीख तक जारी रहेगा।
वर्ष 2023 में दायर जनहित याचिका में सभी अवैध अतिक्रमण को हटाने और ऐतिहासिक जल धारा की मूल स्थिति को बहाल करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। यह जल धारा मुगल बादशाह जहांगीर के समय से निशात गार्डन के लिए पानी का मुख्य स्रोत हुआ करती थी।
इसमें कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण की गई आसपास की सड़कों की मरम्मत के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
जनहित याचिका में प्रतिवादियों (प्राधिकारियों) के घोर कुप्रबंधन की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और अन्य जांच शाखाओं के एक अधिकारी वाली एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इसमें अधिकारियों के आचरण की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
भाषा सुभाष संतोष
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