जम्मू, 27 नवंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिलने वाले आवेदनों की प्रक्रिया और जवाब देने की दक्षता बढ़ाने के लिए एक ‘पोर्टल’ विकसित किया है तथा 10 दिसंबर तक इसे पूरी तरह से शुरू करने की योजना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने एक परिपत्र में कहा कि ‘आरटीआई पोर्टल’ नागरिकों को आरटीआई अनुरोध प्रस्तुत करने, उनकी स्थिति की जांच करने और ‘इलेक्ट्रॉनिक’ रूप से जवाब प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा तथा इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
वर्मा ने कहा कि इसे जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने विकसित किया गया है और यह मंच केंद्रीय लोक सूचना अधिकारियों (सीपीआईओएस) से प्राप्त सभी आरटीआई आवेदनों तथा विभिन्न विभागों में प्रथम अपीलीय प्राधिकरणों (एफएएएस) द्वारा प्राप्त अपीलों का विस्तृत आंकड़ा रखेगा।
इसके अलावा, इससे संबंधित ‘सीपीआईओएस’ और ‘एफएएएस’ द्वारा आवेदनों के लिए त्वरित प्रक्रिया में सुविधा होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘डिजिटल’ बदलाव पूरी आरटीआई प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बना देगा। यह पहल केंद्र शासित प्रदेश के भीतर अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी शासन में योगदान देगी।’’
प्राधिकारियों ने 10 दिसंबर तक ‘पोर्टल’ को पूरी तरह शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
पोर्टल के सुचारू संचालन के लिए सभी विभागों द्वारा प्रशासनिक विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। ये अधिकारी पोर्टल पर सभी सीपीआईओएस या एफएएएफ को शामिल करने की प्रक्रिया की देखरेख करेंगे।
वर्मा ने कहा कि आरटीआई ‘पोर्टल’ के संबंध में प्रशासनिक विभाग स्तर पर नामित नोडल अधिकारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ‘पोर्टल’ के संचालन की देखरेख के लिए सभी जिलों में उपायुक्त कार्यालयों में जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी भी नामित किया जा सकता है।
भाषा यासिर मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.