पहलगाम, 22 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय खच्चर वाले की मौत के एक महीने बाद भी इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से दूर हैं। आतंकवादियों को पकड़ने के लिए कश्मीर घाटी में शुरू किये गये व्यापक अभियान के बावजूद सुरक्षा बल खाली हाथ हैं।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बैसरन इलाके में 22 अप्रैल को हुए घातक हमले के बाद शुरू किए गए विभिन्न अभियानों में कई कुख्यात आतंकवादी मारे गए हैं लेकिन इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी सुरक्षा बलों की पकड़ से दूर हैं।
मामले की जांच का जिम्मा संभालने वाली राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस आतंकी हमले में शामिल हो सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनमें वे लोग भी शामिल हैं जो बैसरन में पर्यटकों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करते थे, जैसे कि खाद्य पदार्थ स्टॉल मालिक, ‘जिपलाइन’ संचालक और खच्चरवाले।
एनआईए ने तीन संदिग्धों के ‘स्केच’ जारी किए हैं, जिनकी पहचान अनंतनाग निवासी आदिल हुसैन थोकर और दो पाकिस्तानी नागरिकों अली भाई उर्फ तल्हा भाई और हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में हुई है।
माना जा रहा है कि इन तीनों ने ही हमले को अंजाम दिया था।
बाद में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर चस्पा किये गये, जिनमें नरसंहार के अपराधियों की गिरफ्तारी या उनकी खोज में मदद करने वाली सूचना के लिए इनाम की पेशकश की गई।
अधिकारियों ने संदिग्धों को पकड़ने में जनता के सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 20 लाख रुपये का इनाम की पेशकश की है।
इनाम का उद्देश्य मौजूदा जांच प्रक्रिया में तेजी लाना है।
ऐसा माना जा रहा है कि जांचकर्ताओं ने नरसंहार के दिन पहलगाम के आसपास के ‘मोबाइल डंप डेटा’ और हमले से कुछ क्षण पहले पर्यटकों द्वारा लिये गए वीडियो का विश्लेषण किया ताकि बैसरन तक पहुंचने के लिए आतंकवादियों द्वारा अपनाए गए रास्ते का पता लगाया जा सके।
अधिकारियों ने हालांकि बताया कि प्रयासों में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। पहलगाम के खूबसूरत बैसरन में 22 अप्रैल को आतंकवादी घुस आए और 25 पर्यटकों व उन्हें बचाने की कोशिश करने वाले एक स्थानीय व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी।
हालांकि, हमला करने वाले आतंकवादियों की सही संख्या का पता नहीं चल पाया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि चार से छह आतंकवादी हमले में शामिल हो सकते हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आतंकवादियों ने लोगों से ‘कलमा’ पढ़ने के लिए कहकर उनके धर्म की पुष्टि करने के बाद उन्हें गोली मार दी।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘वे अब तक सुरक्षा बलों को चकमा देने में भले ही कामयाब रहे हैं, लेकिन उन्हें पकड़ने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।’’
करीब 100 लोगों पर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें विभिन्न जेलों में डाला गया।
ऐसी खबरें हैं कि सुरक्षा बलों ने उन युवाओं को भी हिरासत में लिया है जो पहले भी आतंकवाद से जुड़े होने के कारण जेल की सजा काट चुके हैं।
भाषा जितेंद्र पवनेश
पवनेश
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