जम्मू, चार अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पांच दिवसीय ‘बसोहली उत्सव’ का सोमवार को ‘टीजर’ जारी किया और उसकी विवरणिका का अनावरण किया।
यह उत्सव 28 सितंबर से सीमावर्ती कठुआ जिले में शुरू होगा।
जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती कठुआ जिले का एक पहाड़ी शहर बसोहली प्रसिद्ध कला, संस्कृति और तीर्थ पर्यटन का केंद्र है। चंचलो माता, झोड़े वाली माता और ढोला माता जैसे प्रसिद्ध मंदिर भी इसी शहर में स्थित हैं।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सिन्हा ने सोमवार को राजभवन में आगामी बसोहली उत्सव-2025 के ‘टीजर’ और विवरणिका का अनावरण किया।’’
उपराज्यपाल ने प्रशासन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), विश्वस्थली संगठन और उत्सव से जुड़े अन्य हितधारकों को बसोहली की अनूठी रचनात्मक परंपराओं और क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत का जश्न मनाने के उनके सामूहिक प्रयास के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बसोहली उत्सव का तीसरा संस्करण 28 सितंबर से दो अक्टूबर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष का आयोजन रामायण की परंपराओं पर केंद्रित होगा।’’
पांच दिवसीय इस महोत्सव में रामायण-विषयक प्रदर्शनियां एवं पुस्तिकाएं, लोक कला प्रदर्शनियां, लोक नृत्य एवं गायन की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं, स्थानीय खेल प्रतियोगिताएं और अन्य कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोक कलाकारों, कारीगरों और साहित्यकारों को भी सम्मानित किया जाएगा।
सिन्हा ने कहा कि बसोहली की अपनी अनूठी सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत है और आईजीएनसीए देश भर में इसकी विशिष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र की समृद्ध कलात्मक परंपरा बसोहली चित्रकला में अभूतपूर्व रूप से दिखाई देती है। इस चित्रकला को 2023 में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया गया था। मुझे उम्मीद है कि देश भर से लोग बसोहली उत्सव देखने आएंगे।’’
प्रवक्ता ने कहा कि बसोहली उत्सव शहर के ऐतिहासिक गौरव, विशेष रूप से कला और विरासत में इसकी समृद्ध परंपराओं को पुनर्स्थापित करने और संरक्षित करने की दिशा में एक समर्पित प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
भाषा सिम्मी प्रशांत
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