(फोटो के साथ)
जम्मू, 29 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्बू चिड़ियाघर का उद्घाटन करते हुए सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर अपने विकास पथ पर अग्रसर है।
सिन्हा ने चिड़ियाघर के उद्घाटन समारोह में कहा कि 70 हेक्टेयर में फैला यह चिड़ियाघर केंद्र-शासित प्रदेश में निवासियों और पर्यटकों, दोनों को आकर्षित करेगा।
सितंबर 2016 में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास शहर के बाहर नगरोटा में इस चिड़ियाघर की आधारशिला रखी गई थी। इसका लक्ष्य बड़ी संख्या में पशु प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित करना है।
ऐसा बताया जा रहा है कि यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है, जिसमें रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई शेर समेत पशुओं की 27 प्रजातियों को रखा जाएगा।
सिन्हा ने हाल में श्रीनगर में हुई जी-20 बैठक को सफल बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम ने अवसरों के नए दौर में प्रवेश करने में केंद्र-शासित प्रदेश की मदद की है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अपने विकास पथ पर अग्रसर है।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘हमने तेजी से विकास करने के लिए नए क्षेत्रों में प्रवेश किया है। हम अब एक ऐसे चरण में हैं, जहां हमें इस विकास को तेज करने, इसे और अधिक समावेशी बनाने और केंद्र-शासित प्रदेश की क्षमता को वास्तविकता में बदलने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक दुर्लभ पल है और दुनिया जम्मू-कश्मीर की विकास गाथा की सराहना कर रही है। हमें बाकी राज्यों की रफ्तार से आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने में योगदान देना चाहिए।
सिन्हा ने युवाओं को ‘‘नए जम्मू-कश्मीर’’ का ‘‘वास्तुकार’’ बताते हुए कहा, ‘‘हम ऐसे युवा उद्यमियों की संख्या में लगातार वृद्धि देख रहे हैं, जो एक समृद्ध समाज बनाने और हमारे सभ्यतागत-सांस्कृतिक मूल्यों एवं शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए समर्पण के साथ काम कर रहे हैं।’’
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘केवल एक वर्ष के भीतर 82,000 से अधिक व्यावसायिक इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिससे 2.85 लाख युवाओं को सीधे रोजगार के अवसर मिले हैं। मिशन यूथ के तहत, हमने 70,000 युवा लड़के और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हाथ बढ़ाया है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले 10 से 20 वर्षों से लंबित 1,500 परियोजनाओं को पूरा किया है और केंद्र-शासित प्रदेश के शहरों को स्मार्ट सिटी में बदला जा रहा है तथा गांवों को मुख्यधारा के विकास में एकीकृत किया जा रहा है।
भाषा रवि कांत पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.