कोलकाता, एक जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में रविवार को ‘जमाई षष्ठी’ मनाई गई जिसमें दामादों का बड़े धूमधाम, रीति-रिवाज और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ स्वागत किया गया।
पारंपरिक अनुष्ठान में सास पूजा करती हैं और दामादों की कलाई पर पवित्र धागा (षष्ठी सूत्र) बांधती हैं। वे दामादों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं जिसके बाद एक शानदार दावत का आयोजन होता है।
कई लोगों के लिए यह दिन लंबे समय तक साथ रहने और परिवार के साथ घुलने-मिलने का भी अवसर होता है।
राज्य में इस अवसर पर लोगों में सुबह से ही उत्साह दिखने लगा। विवाहित बेटियां नयी साड़ियां पहनकर कुर्ता पहने अपने पतियों के साथ मायके जाती दिखीं।
शनिवार शाम और रविवार सुबह शहर के बाजरों में भारी भीड़ देखी गई। कोलकाता और इसके उपनगरों में मिठाई की दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गईं।
बंगाली हिंदू परंपरा में जमाई षष्ठी, पारिवारिक सद्भाव और ससुराल वालों के बीच मधुर संबंध का प्रतीक है।
भाषा
शुभम नेत्रपाल
नेत्रपाल
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