भरूच, 13 जून (भाषा) जब भूमि चौहान एअर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन उड़ान सिर्फ 10 मिनट की देरी से चूक गईं, तो वह बेहद निराश थीं, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह छोटी सी देरी उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा चमत्कार साबित होगी।
कुछ ही देर बाद जब उन्होंने उड़ान से जुड़ी भयावह खबर सुनी, तो उन्हें एहसास हुआ कि अहमदाबाद का यातायात जाम दरअसल उनकी किस्मत का रक्षक बन गया।
सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार को अपराह्न 1:39 बजे उड़ान भरने वाली यह उड़ान एक मिनट से भी कम समय बाद मेघानीनगर में एक अस्पताल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे उसमें सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई।
अपने गृह नगर भरूच से 200 किलोमीटर दूर यात्रा कर रही चौहान ने कहा कि विमान के लिए चेक-इन गेट दोपहर 12:10 बजे बंद हो गए, जबकि वह 10 मिनट की देरी से पहुंची।
हवाई अड्डा पहुंचने से पहले उन्हें भीषण जाम का सामना करना पड़ना था और उन्हें इसके लिए अहमदाबाद शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों से होकर गुजरना पड़ा।
चौहान ने कहा, ‘‘हम भरूच से अहमदाबाद के लिए जल्दी निकले थे, लेकिन हम दोपहर 12:20 बजे पहुंच सके। एयरलाइन स्टाफ ने दोपहर 12:10 बजे ‘चेक-इन’ बंद कर दिया। मैंने उनसे विमान में चढ़ने देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस समय मैं निराश थी और लंदन की अपनी उड़ान छूट जाने के कारण स्तब्ध थी। हालांकि, बाद में जो कुछ भी हुआ, उससे मुझे अहसास हुआ कि देवी ने चमत्कार करके मेरी मदद की थी, ताकि मैं देर से पहुंचूं। यह ईश्वरीय कृपा थी कि मेरे बहुत अनुरोध के बावजूद मुझे विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई।’’
चौहान ने कहा कि वह और उनके पति दो साल पहले लंदन में बस गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वहां अध्ययन वीजा पर गई थी। मैं एक महीने के लिए भरूच आई थी और अब वापस लंदन जा रही थी। दुर्घटना भयानक थी। मैं प्रार्थना करती हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और उनके परिवारों को दुख सहने की शक्ति मिले।’’
भाषा सुरेश माधव
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