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Friday, 29 March, 2024
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तमिलनाडु के अवनियापुरम में जल्लीकट्टू कार्यक्रम के दौरान 60 लोग घायल, कार्यक्रम रहेगा जारी

जल्लीकट्टू को 'एरु थझुवुथल' और 'मनकुविराट्टू' के नाम से भी जाना जाता है. तमिलनाडु के मदुरै के तीन गांवों में रविवार को इसकी शुरुआत बड़े ही जोर-शोर से हुई थी.

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नई दिल्ली: तमिलनाडु के अवनियापुरम जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि जल्लीकट्टू के कार्यक्रम में करीब 60 लोग घायल हो गए, जिनमें से 20 गंभीर रूप से घायल हैं.

मदुरै के जिला कलेक्टर अनीश शेखर ने कहा, ‘कल लगभग 60 लोग घायल थे जिनमें से 20 थोड़े गंभीर थे जिन्हे राजाजी अस्पताल भेजा गया था. मामूली रूप से घायल 40 अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया. कोई हताहत नहीं हुआ है.’

हालांकि उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी इंतजाम किए गए थे. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल भेजे गए 20 घायलों में से 11 का अभी भी इलाज चल रहा है.

अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बावजूद चल रहा जल्लीकट्टू कार्यक्रम कल शाम चार बजे तक जारी रहा.

मदुरै के कलेक्टर ने पहले कहा था, ‘हमें उम्मीद है कि इसमें किसी को चोट नहीं लगेगी और अगर ऐसा होता भी है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सबसे अच्छी चिकित्सा एवं देखभाल दी जाए. हमारे पास सभी प्रकार कि व्यवस्थाएं हैं, हम जल्लीकट्टू के सुचारू संचालन की उम्मीद करते हैं.’

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जल्लीकट्टू को ‘एरु थझुवुथल’ और ‘मनकुविराट्टू’ के नाम से भी जाना जाता है. तमिलनाडु के मदुरै के तीन गांवों में रविवार को इसकी शुरुआत बड़े ही जोर-शोर से हुई थी.

जल्लीकट्टू पोंगल त्योहार के साथ शुरू होता है और इसे मट्टू पोंगल भी कहा जाता है. यह सांडों को वश में करने वाला खेल है, जिसमें एक प्रतिभागी को सांड को सींग से पकड़ना होता है और उसे वश में करना होता है.

आगे के जल्लीकट्टू कार्यक्रम सोमवार और मंगलवार को पलामेडु और अलंगनल्लूर में आयोजित होने वाले हैं. जल्लीकट्टू के आयोजन में केवल 300 बुल टैमर और 150 दर्शकों को अनुमति दी जाती है.


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