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Tuesday, 22 July, 2025
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उत्तर प्रदेश में नदियों के किनारे पौधरोपण करने में जालौन पहले स्थान पर

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लखनऊ, 22 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश में नदियों के किनारे हरियाली फैलाने के लिए चल रहे पौधरोपण अभियान में जालौन जिले को पहला स्थान मिला है। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

उत्तर प्रदेश में सूखी हुई नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। वर्षों से सूखी, गाद से भरी और अतिक्रमण की शिकार नदियां अब फिर से बहने लगी हैं। यह परिवर्तन सिर्फ नदियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे हरियाली और पर्यावरण सरंक्षण का नया दौर शुरू हुआ है। राज्य की 82 नदियों के किनारे अब तक दो करोड़ 14 लाख से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। पर्यावरण, स्वच्छता और जल संरक्षण की दिशा में यह ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।

नदी किनारे पौधरोपण में जालौन जिला पहले स्थान पर है, जहां 31 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। झांसी जिला 24 लाख से अधिक पौधे नदी किनारे रोपे जाने के साथ दूसरे स्थान पर, जबकि हमीरपुर नदी किनारे 16 लाख से अधिक पौधे रोपे जाने के साथ तीसरे स्थान पर रहा। पौधरोपण का यह महाभियान तीव्र गति से लगातार चल रहा है।

गंगा, यमुना, गोमती, सरयू, तमसा, मंदाकिनी, राप्ती, बेतवा, घाघरा समेत छोटी बड़ी कुल 82 नदियों के किनारे पौधे रोपे जा रहे है। इनमें हर जिले में एक-एक पुनर्जीवित की जा रही ईशन, नून, पीली नदी आदि नदियां भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के तहत हर जिले में छोटी नदियों का कायाकल्प युद्धस्तर पर किया जा रहा है। यह कार्य राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की सक्रियता से संभव हो पाया है। मनरेगा योजना के तहत नदियों से जुड़े तालाबों की खुदाई भी कराई जा रही है। वन विभाग के सहयोग से जिला गंगा समितियों द्वारा नदियों के दोनों किनारों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है।

नदी पुनर्जीवन का यह बदलाव केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जन सहयोग, राजनीतिक संकल्प और प्रशासनिक तत्परता के सामूहिक समन्वय से संभव हुआ है।

भाषा आनन्द राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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