नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत के दौरान भारतीय छात्रों के चीन लौटने का मुद्दा उठाया, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। साथ ही, उम्मीद जतायी कि बीजिंग इस विषय पर ‘बिना भेदभाव वाला रूख’ अपनायेगा।
जयशंकर ने शुक्रवार को वांग के साथ दिल्ली में विस्तृत बातचीत की । चीनी विदेश मंत्री बृहस्पतिवार शाम अघोषित भारत यात्रा पर आए।
जयशंकर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ मैंने चीन में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के मुद्दे को मजबूती से उठाया, जिन्हें कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण लौटने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हमें उम्मीद है कि चीन इस बारे में बिना भेदभाव वाला रूख अपनायेगा क्योंकि यह विषय हमारे काफी संख्या में युवाओं के भविष्य से जुड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ विदेश मंत्री वांग ने आश्वस्त किया है कि वह उनकी (छात्रों की) वापसी के विषय पर संबंधित प्राधिकार से बात करेंगे। ’’ उन्होंने मेडिकल छात्रों के समक्ष पेश आ रही परेशानियों का भी जिक्र किया।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया था कि अभी चीनी विश्वविद्यालयों में मेडिकल सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में करीब 20 हजार छात्र पंजीकृत हैं।
कोविड-19 से जुड़ी यात्रा पाबंदियों के चलते भारत में फंसे रह गये ये छात्र चीन लौटने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं और भारत ने यह विषय चीनी प्रशासन के समक्ष कई बार उठाया है।
जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि बातचीत में कारोबार एवं निवेश का मुद्दा भी उठा और हम उचित बाजार पहुंच पर जोर देना जारी रखेंगे ।
विदेश मंत्री ने कहा कि वांग से बातचीत के दौरान अफगानिस्तान में स्थिति पर भी चर्चा हुई और जहां तक अफगानिस्तान का संबंध है, भारत की नीति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 के तहत निर्देशित है।
उन्होंने कहा कि बातचीत में ‘क्वाड’ का विषय नहीं उठा।
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