नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भारत पर एक स्वतंत्र नीति का अनुपालन करने और चीन के दृष्टिकोण को अन्य देशों से प्रभावित नहीं होने देने की अपील की।
जयशंकर ने तीन दिन पहले इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में कश्मीर पर चीन के विदेश मंत्री की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए वांग के साथ अपनी बातचीत में यह टिप्पणी की।
भारत ने वांग की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा था कि अन्य देशों को जम्मू कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है।
वांग के साथ अपनी बातचीत के बारे में मीडिया ब्रीफिंग में जयशंकर ने कहा कि यह मुद्दा बातचीत के दौरान उठा।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हां, ऐसा हुआ। मैंने इसका जिक्र किया। मैंने उन्हें विस्तार से बताया कि हमें वह बयान आपत्तिजनक क्यों लगा। इसलिए, इस विषय पर लंबी चर्चा हुई। एक व्यापक संदर्भ भी था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं, मैंने उन्हें इस बात से अवगत कराया कि हमें उम्मीद थी कि चीन, भारत के संबंध में एक स्वतंत्र नीति का अनुपालन करेगा, और अपनी नीतियों को अन्य देशों और अन्य संबंधों से प्रभावित नहीं होने देगा। इस तरह, यही संदर्भ था।’’
चीन के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने का असफल प्रयास करता रहा है।
एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि वांग के साथ बातचीत में पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा भी उठा। उन्होंने कहा, ‘‘यह संदर्भ आया कि पाकिस्तान के संबंध में हमारी चिंताओं के बारे में भारतीय दृष्टिकोण क्या है और निश्चित रूप से, ओआईसी की बैठक के दौरान अख्तियार किये गये कुछ रुख क्या थे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अफगानिस्तान पर आयोजित होने वाले सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया है, जयशंकर ने कहा कि ऐसा कोई न्योता नहीं मिला है।
यह सवाल किये जाने पर कि वांग की भारत यात्रा को गुप्त क्यों रखा गया क्योंकि बृहस्पतिवार शाम को उनके दिल्ली पहुंचने के बाद भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था, विदेश मंत्री ने संकेत दिया कि चीनी पक्ष इस पर कोई घोषणा नहीं करना चाहता था।
जयशंकर ने कहा, ‘‘ आम तौर पर किसी यात्रा की घोषणा परस्पर सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाता है और किसी भी कारण से, चीनी नहीं चाहते थे कि वांग यी की यात्रा को पहले घोषित किया जाए। चूंकि हमारे बीच आपसी सहमति नहीं थी, इसलिए हमने अपनी ओर से घोषणा नहीं की।’’
काबुल से दिल्ली पहुंचे वांग अब नेपाल में हैं। वह पाकिस्तान की दो दिवसीय यात्रा के बाद अफगानिस्तान की राजधानी पहुंचे थे।
भाषा अमित सुभाष
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