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Sunday, 22 September, 2024
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जैन धर्म में वैश्विक शांति-सद्भाव का संदेश : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

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जयपुर, 22 सितंबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को कहा कि गलती होना स्वाभाविक है लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण है और सामने वाले को क्षमा करना उससे भी बड़ी बात है।

उन्होंने कहा कि क्षमा मांगने से कटुता और द्वेष-भाव समाप्त हो जाता है, जिससे समाज में शांति एवं सद्भाव का मार्ग प्रशस्त होता है।

शर्मा रविवार को जयपुर में महावीर पब्लिक स्कूल में राजस्थान जैन सभा द्वारा आयोजित ‘सामूहिक क्षमापन पर्व समारोह’ को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह दिन हमारे आत्मिक शुद्धिकरण का पर्व होने के साथ-साथ समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का स्मरण भी करवाता है।

उन्होंने कहा कि जैन धर्म में क्षमा याचना का बहुत महत्व है। क्षमा याचना से आत्म-शुद्धि होती है जिससे संबंधों में सुधार होता है और मानसिक शांति तथा आध्यात्मिक विकास होता है।

शर्मा ने क्षमा को सबसे महत्वपूर्ण बताया और जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी।

उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने पूरे विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश दिया है और क्षमा ही सबसे बड़ा आभूषण है।

शर्मा ने कहा कि जैन धर्म का दशलक्षण पर्व मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है बल्कि सामाजिक सामंजस्य और शांति की भी नींव रखता है।

उन्होंने कहा कि इन गुणों का अनुकरण कर हम न केवल अपने जीवन को शुद्ध कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी सुखी और समृद्ध बना सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जैन धर्म की सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय की शिक्षाएं आज के युग में भी प्रासंगिक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिंसा का सिद्धांत शारीरिक, मानसिक और वाचिक हिंसा से दूर रहने की प्रेरणा देता है।

भाषा कुंज जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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