नई दिल्ली: झारखंड सरकार द्वारा श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय के विरोध में जैन समाज के लोगों ने बुधवार को मुंबई में एक विशाल रैली निकाली.
आयोजकों ने दावा किया कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ निकाली गई रैली में एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए. एक आयोजक ने कहा कि रैली मेट्रो के पास से शुरू हुई और आजाद मैदान में समाप्त होगी. इसमें रैली में समर्थन में उतरे नेताओं का भाषण भी होगा.
एक प्रदर्शनकारी ने बताया, ‘सरकार के फैसले ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. हम नहीं चाहते हैं कि पर्यटक एक पवित्र स्थान के इर्द-गिर्द घूमे.’
प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे महाराष्ट्र में भूख हड़ताल करेंगे.’
श्री सम्मेद शिखरजी, झारखंड में पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित एक पवित्र जैन तीर्थ स्थल है, जिसे हाल ही में झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किया गया था.
सरकार के फैसले के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जैन संत मुनि सुगय्या सागर का मंगलवार को राजस्थान के जयपुर में निधन हो गया.
जैन मुनि आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा कि तीर्थों की रक्षा के लिए जैन मुनि श्री सागर ने आज अपने प्राणों की आहुति दी.
उन्होंने कहा कि सरकार और समाज के बीच संवाद की कमी है.
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असदुद्दीन ओवैसी का केंद्र सरकार पर निशाना
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को इस मुद्दे पर केंद्र को जमकर लताड़ा.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है भारत-बीजेपी: जैन धर्म स्थलों को बनाया गया निशाना, क्रिसमस के बाद से ईसाइयों पर लगातार हमले, लद्दाख में बौद्ध और शिया सड़क पर उतरे, यूपी में सिख युवाओं पर हमला, असम में हजारों मुसलमानों को किया बेघर और अब हल्द्वानी में बेघर होने जा रहे हैं.’
भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है-भाजपाई:
-जैन समाज के पूजा स्थलों को निशाना बनाया गया
-क्रिसमस से लगातार ईसाइयों पर हमले
-लद्दाख के बौद्ध व शिया पूर्ण राज्य के लिए सड़क पर
-यूपी में सिख युवक पर हमला
-हज़ारों मुसलमान असम में बेघर कर दिये गए और अब हल्द्वानी में बेघर होने वाले हैं— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 3, 2023
उन्होंने आगे कि वह जैन समाज के साथ हैं.
इससे पहले रविवार को झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ जैन समुदाय के कई सदस्यों ने देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया.
इस फैसले के खिलाफ दिल्ली में इंडिया गेट पर जैन समुदाय के लोगों ने भारी संख्या में इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया.
इसी तरह अलीगढ़ में भी रामलीला मैदान से विशाल रैली निकाली गई. रैली में बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं शामिल थीं, जिन्होंने बैनर और पोस्टर के साथ फैसले का विरोध किया. महाराष्ट्र में भी भारी रैलियां और विरोध प्रदर्शन देखने को मिले.
अलीगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे इस फैसले से अपनी नाराजगी व्यक्त करना चाहते हैं और जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती, तब तक वे विरोध जारी रखेंगे.
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