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Tuesday, 9 September, 2025
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जगन्नाथ मंदिर के पदाधिकारियों ने इस्कॉन से शास्त्र नियमों के अनुसार रथ यात्रा निकालने को कहा

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भुवनेश्वर, छह सितंबर (भाषा) ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के पदाधिकारियों ने शनिवार को इस्कॉन से आग्रह किया कि वह शास्त्रों की अनदेखी करते हुए भगवान जगन्नाथ की ‘रथ यात्रा’ और ‘स्नान यात्रा’ को ‘‘अनियमित तिथियों’’ पर आयोजित न करे।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) को पत्र लिखा है।

देब ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि इस्कॉन 50 वर्षों से अधिक समय से अनियमित तिथियों पर भगवान जगन्नाथ की ‘रथ यात्रा’ और ‘स्नान यात्रा’ (स्नान अनुष्ठान) आयोजित कर रहा है, जिससे असंख्य श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस्कॉन से आग्रह करते हैं कि वह जल्द से जल्द कदम उठाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर के सभी इस्कॉन मंदिरों/केंद्रों में ये उत्सव शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार मनाए जाएं।’’

संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी भी थे।

देब ने दावा किया कि हालांकि शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर होनी चाहिए, लेकिन इस्कॉन मंदिर इसे ‘‘अपनी मनमर्जी’’ से आयोजित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पाया गया है कि 2025 से सितंबर तक, भारत और विदेशों में विभिन्न स्थानों पर कम से कम 40 इस्कॉन मंदिरों ने शास्त्रों और परंपराओं का उल्लंघन करते हुए स्नान यात्राएं आयोजित की हैं।’’

इसी तरह, उन्होंने कहा कि यह भी देखा गया है कि कई देशों में कम से कम 68 इस्कॉन मंदिरों में ‘रथ यात्रा’ शास्त्रों के विरुद्ध आयोजित की गई है।

देब ने जोर देकर कहा, ‘‘साल के किसी भी दिन रथ यात्रा आयोजित करने का कोई वैध औचित्य नहीं हो सकता।’’

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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