नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद थाने के बाहर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ रैली निकाली गई जिस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. बता दें कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक मतीन अहमद ने बाइक रैली भी बुलाई थी. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि पुलिस पर पथराव इसी रैली के दौरान हुआ या फिर इसके बाद.
इन इलाकों में बढ़े दंगे को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने तीन मेट्रो स्टेशनों- वेलकम, जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर के प्रवेश तथा निकास द्वार मंगलवार को बंद कर दिए गए. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया, ‘वेलकम, जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं. इन स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेंगी.’
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर टी प्वाइंट पर लोग एकत्र हुए और दोपहर करीब बारह बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सरकार के विरोध में नारे लगाए. बता दें कि इसके बाद अचानक लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस पर यह पथराव करीब दोपहर1-2 बजे के करीब किया गया.
रैली में शामिल मोहम्मद सादिक ने बताया कि उनका यह विरोध जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई तथा देश में एनआरसी लागू करने के लिए तैयार की जा रही पृष्ठभूमि के खिलाफ है.
कासिम नामक एक अन्य व्यक्ति ने कहा ‘देश में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए. हमारा विरोध इसी बात को लेकर है. पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है ताकि एनआरसी देश भर में लागू किया जाए.’
मोबाइल रिपेयरिंग का काम सीख रहे आईटीआई के नूर ने कहा कि इस कानून के जरिये हिंदू मुसलमानों के बीच दरार पैदा की जा रही है. उन्होंने कहा ‘जामिया में अगर विरोध प्रदर्शन हुआ भी था तो भी पुलिस को लायब्रेरी और परिसर में घुसने का हक नहीं था.’
जाफराबाद थाने के बाहर भी प्रदर्शन हुआ और पुलिस के खिलाफ नारे लगाए गए.