नई दिल्ली: चीन की झांग मियाओ पर सेमीफाइनल में जीत के बाद भाविना पटेल ने कहा है, ‘मैंने साबित कर दिया है कि कुछ भी असंभव नहीं है.’
भारत की पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रच दिया है. उन्होंने महिला सिंगल्स क्लास 4 सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर फाइनल में जगह बनाई.
अब गोल्ड मेडल के लिए उनका मुकाबला होगा. इससे पहले शुक्रवार को भाविना ने क्वार्टर फाइनल में सर्बिया की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को 17 मिनट तक चले मुकाबले में 11-5 11-6 11-7 से हराया था. सेमीफाइनल मैच चीन की खिलाड़ी ने पहला गेम जीतकर भारतीय खिलाड़ी पर बढ़त बनाई. लेकिन भाविना दूसरा गेम जीतकर मैच बराबर कर लिया इसके बाद भाविना ने तीसरे गेम में भी बढ़त बनाई और जीत दर्ज की जबकि चौथा गेम झांग मियाओ के नाम रहा. इसके बाद पांचवें और निर्णयायक गेम में भाविना ने चीनी खिलाड़ी को 11-8 से हराकर फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं.
भाविना ने कहा, ‘अगर मेरा खेल इसी तरह जारी रहा तो मैं गोल्ड मेडल जीतूंगी.’
भाविना ने पारालिम्पिक कमीटी ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में आगे कहा,’ मैंने नहीं सोचा था कि मैं फाइनल में पहुचूंगी मेरा पूरा ध्यान अपने खेल में 100 फीसदी देने में लगा था और मैंने सिर्फ वही किया.’
उसने आगे कहा जब आप अपना 100 फीसदी देते हैं तो आप सिर्फ मेडल जीतते हैं. मैं मानसिक रूप से फाइनल के लिए तैयार हूं और सिर्फ अपना 100 फीसदी देना चाहती हूं.
गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया .
उन्होंने कहा ,‘ अगर मैं इसी आत्मविश्वास से अपने देशवासियों के आशीर्वाद के साथ खेलती रही तो कल स्वर्ण जरूर मिलेगा . मैं फाइनल के लिये तैयार हूं और अपना शत प्रतिशत दूंगी .’
व्हीलचेयर पर खेलने वाली पटेल ने पहला गेम गंवा दिया लेकिन बाद में दोनों गेम जीतकर शानदार वापसी की . तीसरा गेम जीतने में उन्हें चार मिनट ही लगे . चौथे गेम में चीनी खिलाड़ी ने फिर वापसी की लेकिन निर्णायक पांचवें गेम में पटेल ने रोमांचक जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया .
दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी झांग के खिलाफ पटेल की यह पहली जीत थी . दोनों इससे पहले 11 बार एक दूसरे से खेल चुके हैं .
पटेल को पहले ग्रुप मैच में झोउ ने आसानी से हराया था . उनके खिलाफ फाइनल जीतना आसान नहीं होगा . पटेल ने क्वार्टर फाइनल में 2016 रियो पैरालम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को हराया था .
क्लास 4 वर्ग के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन सही रहता है और हाथ पूरी तरह से काम करते हैं . उनके शरीर में विकार मेरूदंड में चोट के कारण होता है.
पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया जहां वह दिव्यांगों के लिये आईटीआई की छात्रा थी . बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया . उन्होंने अहमदाबाद में रोटरी क्लब के लिये पहला पदक जीता .उनका विवाह निकुंज पटेल से हुआ जो गुजरात के लिये जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं .
पटेल 2011 में दुनिया की दूसरेनंबर की खिलाड़ी भी बनी जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिये रजत पदक जीता था . अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था .
Japan | Deepa Malik, President, Paralympic Committee of India, interacts with paddler Bhavina Patel, who stormed into finals of Women's Singles at Tokyo Paralympics.
"I've never considered myself as a disabled person. Today, I've proved that nothing is impossible," says Patel pic.twitter.com/9AkaAXNSk2
— ANI (@ANI) August 28, 2021