रायपुर, 18 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के नक्सल हिंसा प्रभावित सुदूर क्षेत्र में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पशुओं के लिए पहला फील्ड अस्पताल खोला है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह निशुल्क पशु अस्पताल मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के सीतागांव में स्थित है, जो महाराष्ट्र की सीमा से सटा हुआ है और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूर है।
आईटीबीपी की 27वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर विवेक कुमार पांडे ने शनिवार को इसका उद्घाटन किया। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग मुर्गियां, गाय और यहां तक कि कुत्ते जैसे अपने पशुओं को लेकर इस अस्पताल में आने लगे हैं।
अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस फील्ड अस्पताल में सीतागांव के आसपास के 20 गांवों के करीब 12,000 पशुओं का इलाज हो सकेगा। ये पशु कई ग्रामीणों के लिए आय का प्रमुख स्रोत हैं।
आईटीबीपी को नक्सल विरोधी अभियानों के लिए जिले में तैनात किया गया है और इसके पशु चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ फील्ड अस्पताल में पशुओं की नियमित जांच और निशुल्क उपचार करेंगे।
इस क्षेत्र में पशुओं के लिए एक बुनियादी अस्पताल खोलने का विचार आईटीबीपी के मन में एक सरकारी सर्वेक्षण के बाद आया। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि सीतागांव के आसपास के 20 गांवों में 5,490 मुर्गी, 3,550 बकरियां, 1,855 गाय और बैल, 815 सूअर और 640 कुत्ते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में पशुधन पाला जाता है और यह न केवल कई ग्रामीणों की आजीविका का साधन है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए जीवन जीने का एक तरीका भी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह विभाग का प्रभार संभालने वाले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जवानों से बातचीत करने के लिए 16 मई को सीतागांव आईटीबीपी शिविर का दौरा किया।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जानवरों के इलाज के लिए कोई सुविधा न होने के चलते कई पशुओं की मौत हो जाती थी।
भाषा नोमान रंजन
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