लेप्चा (हिमाचल प्रदेश): हिमाचल प्रदेश के लेप्चा गांव में सुरक्षा बलों के साथ दrवाली का उत्सव मनाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बलों के साथ त्योहार मनाने का अनुभव काफी भावनात्मक और गर्व से भरा हुआ एक अद्भुत अनुभव है.
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “हिमाचल प्रदेश के लेप्चा में हमारे बहादुर सुरक्षा बलों के साथ दीवाली बिताना गहरी भावना और गर्व से भरा अनुभव रहा है. अपने परिवारों से दूर, हमारे राष्ट्र के ये अभिभावक अपने समर्पण से हमारे जीवन को रोशन करते हैं.”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत हमेशा उन सुरक्षा बलों के अटूट साहस का आभारी रहेगा और सराहना करेगा जो अपने प्रियजनों से दूर, सबसे कठिन इलाकों में तैनात हैं.
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, “हमारे सुरक्षा बलों का साहस अटूट है. अपने प्रियजनों से दूर, सबसे कठिन इलाकों में तैनात, उनका बलिदान और समर्पण हमें सुरक्षित रखता है. भारत हमेशा इन नायकों का आभारी रहेगा, जो बहादुरी और लचीलेपन का आदर्श अवतार हैं.”
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका की भी सराहना की.
प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले वर्षों में भारतीय सेना में 500 से ज्यादा महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया गया है. आज महिला पायलट राफेल जैसे लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह-सुबह सेनाओं के साथ दीपावली मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के लेप्चा गांव पहुंचे.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और भारतीय सेना की टुकड़ियां चीन की सीमा के पास लेप्चा में तैनात हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए दीवाली हमेशा वहीं होगी जहां सैनिक तैनात हैं.
“मैं हर साल आता हूं और अपने सुरक्षा बलों के साथ दीवाली मनाता हूं. ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या वहां है जहां भगवान राम हैं, लेकिन मेरे लिए त्योहार वहां है जहां हमारे सुरक्षा बल हैं…मैंने पिछले 30-35 सालों तक जब आप लोगों के साथ नहीं था तो मैंने कोई दीवाली नहीं मनाई है.” जब मैं पीएम या सीएम नहीं था, तब भी दीवाली का त्योहार मनाने के लिए किसी न किसी सीमावर्ती इलाके में जाता था…”
पिछले साल, प्रधानमंत्री मोदी ने कारगिल में सैनिकों के साथ रोशनी का त्योहार मनाया और कहा कि दीवाली का मतलब “आतंकवाद के अंत का त्योहार” है और कारगिल ने इसे संभव बनाया है.
प्रधानमंत्री कई वर्षों से सैनिकों के साथ यह त्योहार मनाते आ रहे हैं.
गौरतलब है कि पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से ही वह दीवाली पर सैनिकों से मिलने जाते रहे हैं.
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