नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत भारतीय सरकारी अनुबंधों में ब्रिटिश कंपनियों को भी बोली लगाने का मौका मिलेगा, जबकि पहले सिर्फ स्थानीय कंपनियां ही ऐसा कर सकती थीं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि इस खिड़की के खुलने से अमेरिकी कंपनियां भी लाभार्थी होंगी
कांग्रेस के इस दावे पर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘तीस से अधिक वर्षों से भारत ने सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया को लेकर डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के समझौते में शामिल होने का कड़ा विरोध किया है, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि भारत-ब्रिटेन एफटीए के हिस्से के रूप में ब्रिटिश कंपनियों को केंद्र सरकार द्वारा जारी सरकारी अनुबंधों के लिए बोली लगाने की अनुमति दी जाएगी, जो पहले केवल भारतीय कंपनियों के लिए थी। इस खिड़की के खुलने से अमेरिकी कंपनियां भी लाभार्थी होंगी।’’
ब्रिटेन ने पहली बार दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के तहत अपनी सार्वजनिक खरीद प्रणाली में भारतीय कंपनियों के साथ बिना किसी भेदभाव के व्यवहार करने पर सहमति जताई है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
दोनों देशों ने छह मई को एफटीए के लिए बातचीत पूरी होने की घोषणा की। इसे अगले साल लागू किया जाएगा।
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