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रविवार, 11 मई, 2025
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यह इंदिरा गांधी के साहसी नेतृत्व को याद करने का समय: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) कांग्रेस ने 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से उठाए गए कदम का हवाला देते हुए रविवार को कहा कि यह उनके साहसी नेतृत्व को याद करने का समय है।

इंदिरा बंगाल की खाड़ी में परमाणु ऊर्जा से संचालित नौसैनिक कार्यबल भेजने की अमेरिकी चेतावनी के बावजूद अपने फैसले पर अडिग रही थीं, जिसके चलते बाद में बांग्लादेश एक राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और सचिन पायलट ने 1971 की घटना का हवाला देते हुए दावा किया कि बांग्लादेश में कुछ भी न करने के निर्देश दिए जाने के बावजूद इंदिरा ने राष्ट्रीय हित में उचित कदम उठाया।

रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “अब समय है कि दिसंबर 1971 के दूसरे सप्ताह की उस ऐतिहासिक घटना को भी याद किया जाए, जिसे दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया है। निक्सन-किसिंजर की जोड़ी ने अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के एक परमाणु-संचालित और परमाणु हथियारों से लैस कार्य बल को बंगाल की खाड़ी में भेजा, जिसका नेतृत्व विमानवाहक पोत यूएसएस एंटरप्राइज कर रहा था। लेकिन इंदिरा गांधी इससे भी नहीं डरीं और पाकिस्तान ने 16 दिसंबर 1971 को आत्मसमर्पण कर दिया।”

पायलट ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका ने कहा था कि वह बंगाल की खाड़ी में सातवां बेड़ा तैनात करेगा।

उन्होंने कहा, “इसके बावजूद, तत्कालीन सरकार और इंदिरा जी आगे बढ़ीं और उन्होंने वही किया, जो राष्ट्र के सर्वोच्च हित में था। हम आज उन्हें याद करते हैं और वह नेतृत्व ऐसा था, जिसमें राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर था।”

कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया। उसने लिखा, “आज देश इंदिरा गांधी के साहसी नेतृत्व को याद करता है।”

पार्टी ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के दौरान इंदिरा के कुछ भाषणों को भी साझा किया। उसने एक पोस्ट में कहा, “अटूट शक्ति और अटूट साहस की प्रतीक- श्रीमती इंदिरा गांधी।”

भाषा पारुल नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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