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रविवार, 29 जून, 2025
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सिर्फ पुलिस के बूते बलात्कार की घटनाओं को रोकना संभव नहीं: मप्र पुलिस महानिदेशक मकवाना

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उज्जैन (मप्र), 29 जून (भाषा) मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने राज्य में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के लिए मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से समाज में हो रहे नैतिक पतन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस पर नियंत्रण सिर्फ पुलिस के बूते की बात नहीं है।

जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक के बाद शनिवार को उन्होंने यहां संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि जिस तरीके से इंटरनेट पर अश्लीलता परोसी जा रही है, उससे बच्चों का दिमाग ‘विकृत’ हो रहा है।

राज्य में बलात्कार के बढ़ते मामलों के बारे में पूछे गए एक सवाल का वह जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया था कि वह बलात्कार की घटनाओं के पीछे क्या कारण मानते हैं।

उन्होंने कहा, ‘दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के पीछे बहुत सारे कारण हैं। मेरा ये सोचना है कि इसमें इंटरनेट, मोबाइल, अश्लील सामग्री की उपलब्धता और शराब शामिल हैं। आज मोबाइल के माध्यम से कोई कहीं से कहीं किसी से कनेक्ट हो रहा है।’

डीजीपी ने कहा कि समाज में नैतिकता की गिरावट के ऐसे कई सारे कारण हैं।

उन्होंने कहा, ‘सिर्फ यह कहें कि पुलिस के बूते की बात है तो यह संभव नहीं है।’

मकवाना ने कहा कि आज देखें तो घर में कोई एक दूसरे पर नजर नहीं रख पा रहा है और पहले होता था कि शिक्षक और परिजनों की बात बच्चे मानते थे।

उन्होंने कहा, ‘आंख की शर्म रहती थी लेकिन अब सारी सीमाएं टूट रही है।’

डीजीपी ने कहा, ‘और अश्लीलता जिस तरीके से इंटरनेट पर परोसी जा रही है वह निश्चित रूप से बचपन से उनका दिमाग विकृत कर रही है। इस कारण से ये घटनाएं हो रही हैं।’

उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में मध्यप्रदेश में बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। विधानसभा के पिछले सत्र में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया था कि वर्ष 2024 में औसतन हर दिन 20 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।

राज्य के गृह विभाग ने बताया था कि 2020 में बलात्कार के 6134 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7294 तक पहुंच गया, जो 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

भाषा ब्रजेन्द्र नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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