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Wednesday, 12 March, 2025
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पुष्टि साक्ष्य के बिना मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर दोषी ठहराना उचित नहीं : न्यायालय

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नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पुष्टि साक्ष्य के अभाव में मृत्यु पूर्व दिए गए संदिग्ध बयान के आधार पर किसी को दोषी ठहराना उचित नहीं है। शीर्ष अदालत ने इस टिप्पणी के साथ एक व्यक्ति को उसकी पत्नी की हत्या के आरोप से बरी कर दिया।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि मृत्यु पूर्व दिया गया बयान एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है और केवल इसी के आधार पर दोषसिद्धि की जा सकती है, क्योंकि आपराधिक कानून में इसका अत्यधिक महत्व है।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, इस तरह का भरोसा मृत्यु पूर्व दिए गए बयान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और किसी मामले के संपूर्ण तथ्यों पर विचार करने के बाद ही किया जाना चाहिए।’’

न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए सितंबर 2008 में पत्नी को जलाकर उसकी हत्या करने के आरोप में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को बरी कर दिया।

पीठ ने चार मार्च के अपने फैसले में कहा, ‘‘दूसरे शब्दों में, यदि व्यक्ति के मृत्यु-पूर्व दिए गए बयान पर संदेह हो या उसके मृत्यु-पूर्व दिए गए बयानों में विरोधाभास हो, तो अदालतों को यह पता लगाने के लिए पुष्टि साक्ष्यों पर गौर करना चाहिए कि मृत्यु-पूर्व दिए गए किस बयान पर विश्वास किया जाए।’’

उसने कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में सावधानी से कार्य करने की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे मामलों में जहां मृत्यु पूर्व बयान संदिग्ध हो, वहां पुष्टि साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त को दोषी ठहराना उचित नहीं है।’’

यह बात रिकॉर्ड में आई कि महिला ने दो बयान दिए, जो बाद में दिए गए उसके बयानों से ‘‘पूरी तरह से अलग’’ थे, जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया बयान भी शामिल था, जो उसकी मृत्यु से पहले दिया गया आधिकारिक बयान बन गया।

पीठ ने कहा कि जांच में दहेज उत्पीड़न के पहलू को भी खारिज कर दिया गया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, पति द्वारा आग लगाए जाने के तीन सप्ताह बाद महिला की अस्पताल में मौत हो गई। दंपति अपने बेटे के साथ तूतीकोरिन में रहता था।

न्यायालय ने कहा कि महिला ने अस्पताल में पुलिस को बताया कि आग रसोईघर में हुई दुर्घटना के कारण लगी थी।

हालांकि, तीन दिन बाद पुलिस ने महिला का एक और बयान दर्ज किया, जिसमें उसने दावा किया कि उसके पति ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।

भाषा नेत्रपाल पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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