नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने बुधवार को लोगों से आग्रह किया कि वे पहलगाम हमले के कारण अमरनाथ यात्रा और आगामी पर्यटन सीजन के दौरान जम्मू-कश्मीर से दूरी न बनाएं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सिंह ने कहा कि दुश्मनों को एक स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए कि ‘‘हम इस तरह के कायराना कृत्यों से नहीं डरेंगे।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘रामबन में आई प्राकृतिक आपदा ने काफी नुकसान पहुंचाया, जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई। लेकिन, पहलगाम में शांतिप्रिय पर्यटकों की गोली मारकर हत्या करना सबसे निंदनीय और घृणित कृत्य है। यह साजिश और अंजाम दिया गया नरसंहार, केवल क्रूर और बर्बर दिमागों की ही उपज हो सकता है।’’
अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इनमें अधिकतर पर्यटक थे।
उन्होंने बताया कि मृतकों में दो विदेशी भी थे जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और नेपाल से थे। मरने वालों में दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमला एक ‘‘सुनियोजित’’ हमला था और दावा किया कि यह केंद्र सरकार की ‘‘खुफिया विफलता’’ के कारण हुआ।
सिद्धरमैया ने बेंगलुरु में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर भेजे गए अधिकारियों की टीम से वहां फंसे कर्नाटक के पर्यटकों को वापस लाने के लिए एक विशेष विमान किराए पर लेने को कहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह हमला एक सुनियोजित हमला था। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। आतंकी हमले नहीं होने चाहिए। यह एक बड़ा आतंकी हमला है, जिसकी कर्नाटक सरकार कड़ी निंदा करती है।’’
सिद्धरमैया ने दावा किया, ‘‘मुझे लगता है कि यह केंद्र की खुफिया विफलता है। पहले भी पुलवामा आतंकी हमला हुआ था।’’
वहीं, तमिलनाडु विधानसभा ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों को आज श्रद्धांजलि दी और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र सरकार से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी कदम उठाने का अनुरोध किया।
स्टालिन ने 2019 के पुलवामा हमले को याद करते हुए, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे, कहा, ‘‘भारतीय लोकतंत्र में निर्दोष नागरिकों पर इस तरह के हमलों के लिए कोई जगह नहीं है। इस हमले ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया है।’’
उन्होंने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया और उन्हें कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर कथित सुरक्षा विफलता के लिए ‘‘सीधे तौर पर जिम्मेदार’’ ठहराया।
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले में मरने वालों में पश्चिम बंगाल के भी तीन लोग शामिल हैं।
कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने घटना की निंदा की और खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी तंत्र और सीमा सतर्कता में ‘‘गंभीर चूक’’ को इसका जिम्मेदार ठहराया।
तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने दावा किया, ‘‘देश के गृह मंत्री के रूप में अमित शाह राष्ट्र के प्रति जवाबदेह हैं। यह एक बहुत बड़ी और अक्षम्य सुरक्षा एवं खुफिया विफलता है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लिए ‘सब ठीक है’ की कहानी बहुत हो गई। झूठा विमर्श फैलाना बंद करें और ठोस कार्रवाई करें ताकि निर्दोष नागरिकों की जान न जाए।’’
तृणमूल कांग्रेस की आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर शोक के समय इस त्रासदी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘टीएमसी के पास लाशों पर सस्ती राजनीति करने के लिए पर्याप्त समय होगा। लेकिन यह सही समय नहीं है। केंद्र और सुरक्षा एजेंसियां अपराधियों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले से स्तब्ध और दुखी हूं, जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। ऐसे जघन्य कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।’’
तमांग ने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की बुधवार को निंदा की।
शिमला में जारी एक बयान में इसे ‘‘कायरतापूर्ण हरकत’’ करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसी घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं और असामाजिक तत्वों की हर हाल में नकेल कसी जानी चाहिए।
सुक्खू ने कहा कि पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद राज्य पुलिस को जम्मू-कश्मीर के साथ लगती राज्य की सीमा पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘यह नरसंहार बहुत ही क्रूर है। समय की मांग है कि एकजुट होकर आगे की रणनीति बनाई जाए।’’
जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के महासचिव प्रभाष घोष ने एक बयान में कहा, ‘‘हम सरकार से सभी शोकसंतप्त परिवारों और घायलों को पर्याप्त मुआवजा देने तथा प्रभावित परिवारों के उचित पुनर्वास का भी आग्रह करते हैं। साथ ही, हम इस जघन्य अपराध के सभी दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग करते हैं।’’
जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को बुधवार को श्रद्धांजलि दी और इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की।
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मंगलवार को पहलगाम में हुई दुखद घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए श्रीनगर स्थित जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय में एक शोकसभा आयोजित की गई।’’
शोकसभा में न्यायमूर्ति संजीव कुमार, न्यायमूर्ति राहुल भारती, न्यायमूर्ति मोक्ष खजूरिया काज़मी, न्यायमूर्ति राजेश सेखरी और न्यायमूर्ति मोहम्मद यूसुफ वानी शामिल हुए।
प्रवक्ता ने बताया कि उपस्थित लोगों ने आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा।
महाराष्ट्र के मंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को कहा कि कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने लोगों को बांटने के इरादे से हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाया।
उन्होंने राजनीतिक दलों और नागरिकों से इस घटना का राजनीतिकरण करने से बचने का भी आग्रह किया।
बावनकुले ने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक हृदयविदारक घटना है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपने फायदे के लिए इस त्रासदी का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
भाषा शफीक नेत्रपाल
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