पुणे/पणजी, 29 मई (भाषा) पोप फ्रांसिस द्वारा दो भारतीयों समेत 21 पादरियों को वेटिकन में आयोजित एक समारोह में कार्डिनल का पद दिए जाने की खबर से देश के ईसाई मतावलंबी बहुत खुश हैं।
पोप ने गोवा और दमन के आर्कबिशप फिलिप नेरी अंतोनियो सेबेस्टाओ डी रोजारियो फेराओ तथा हैदराबाद के आर्कबिशप एंथनी पूला को कार्डिनल बनाने की घोषणा की है।
वरिष्ठ पत्रकार कामिल पारखे ने कहा कि यह घोषणा भारत के ईसाई समुदाय के लिए बड़े गर्व की बात है और इससे पता चलता है देश में उल्लेखनीय संख्या में चर्च संस्थाएं हैं और ‘यूनिवर्सल कैथोलिक चर्च’ में भारतीय चर्च की महती भूमिका है।
पारखे ने कहा, “यह गोवा से पहले कार्डिनल होंगे जहां 450 वर्षों की ईसाइयत की परंपरा है। हैदराबाद से भी वह पहले कार्डिनल हो सकते हैं। कैथोलिक चर्च में कार्डिनलों की संख्या देश में ईसाई मतावलंबियों के अनुपात में बढ़ाई जानी चाहिए। इससे भविष्य में भारतीय पोप के चुने जाने की संभावना बढ़ेगी।”
उन्होंने कहा कि पहले से ही पोप के सलाहकारों में एक भारतीय कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रसियास हैं तथा दो और कार्डिनलों की नियुक्ति का भारत के ईसाई लोग स्वागत करेंगे।
भाषा अर्पणा गोला
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