नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्का जारी करना संविधान पर ‘गंभीर चोट और उसका अपमान’ है।
माकपा के पोलित ब्यूरो ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक आधिकारिक सिक्के पर आरएसएस द्वारा प्रचारित हिंदू देवी ‘भारत माता’ की छवि अंकित है तथा 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में वर्दीधारी आरएसएस स्वयंसेवकों को दिखाने वाला डाक टिकट भी गलत इतिहास को दर्शाना है।
वामपंथी पार्टी ने कहा, ‘‘आरएसएस की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी करना भारत के संविधान पर एक गंभीर चोट और अपमान है जिसे आरएसएस ने कभी स्वीकार नहीं किया।’
बयान में कहा गया है, ‘यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक आधिकारिक सिक्के पर एक ऐसी देवी की ‘भारत माता’ के रूप में छवि अंकित हो, जिसे आरएसएस अपने हिंदुत्ववादी राष्ट्र की सांप्रदायिक अवधारणा के प्रतीक के रूप में प्रचारित करता आया है।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुधवार को एक विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया, जिसमें पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित है।
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