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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशलैंडर विक्रम का डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन हुआ पूरा, 7 सितंबर को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा

लैंडर विक्रम का डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन हुआ पूरा, 7 सितंबर को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा

विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सात सितंबर को तड़के 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच उतरेगा.

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नई दिल्ली: भारत का पहला मून लैंडर विक्रम मंगलवार को चांद के और करीब पहुंच गया. इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने दो डी-ऑर्बिटल ऑपरेशंस में से पहला पूरा कर लिया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन योजना के अनुसार सुबह 8.50 बजे शुरू हो गया. इसके बाद चार सेकेंड तक ऑनबोर्ड संचालन तंत्र शुरू करने के बाद ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया.

विक्रम लैंडर की कक्षा 104 गुणा 128 किलोमीटर की है. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अपनी मौजूदा कक्षा में चांद के चारों तरफ घूम रहा है और दोनों- ऑर्बिटर और लैंडर सही काम कर रहे हैं. अगला डी-ऑर्बिटिंग ऑपरेशन बुधवार को तड़के 3.30 बजे से 4.30 बजे के बीच होगा.

सोमवार दोपहर, विक्रम अपने मातृ-अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 से अलग हो गया था. विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सात सितंबर को तड़के 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच उतरेगा. विक्रम के चांद पर उतरते ही रोवर प्रज्ञान उसमें से निकल आएगा और अनुसंधान शुरू कर देगा, जिसके लिए उसे बनाया गया है. विक्रम के अलग होने के बावजूद ऑर्बिटर चांद के चारों तरफ चक्कर लगाता रहेगा. भारत द्वारा कुल 978 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था.

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