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Sunday, 14 December, 2025
होमदेशआईफोन, यूरोप यात्राएं और ‘आम’—ठेकेदार के खिलाफ ईडी की जांच में बिहार के सिविल अफसर मुश्किल में

आईफोन, यूरोप यात्राएं और ‘आम’—ठेकेदार के खिलाफ ईडी की जांच में बिहार के सिविल अफसर मुश्किल में

ईडी का आरोप है कि जांच के घेरे में आए आईएएस अधिकारियों से श्री के संबंध शहरी विकास एवं आवास विभाग (UDHD) और बिहार अर्बन इंफ्रा डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (BUIDCO) में उनके कार्यकाल के समय से जुड़े हैं.

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नई दिल्ली: “भाई, मोबाइल बहुत अच्छा है,” आईएएस अधिकारी पटना स्थित उस ठेकेदार से कहती हैं, जिन्होंने एक महीने पहले उन्हें एक आईपैड और एक आईफोन गिफ्ट किया था. एक अन्य कथित व्हाट्सएप बातचीत में, दूसरे आईएएस अधिकारी ठेकेदार से तुरंत एक मांग करते हैं—5 किलो आम; आरोप है कि ‘आम’ शब्द का इस्तेमाल 5 लाख रुपये नकद मांगने के लिए किया गया. “जी भैया,” ठेकेदार जवाब देता है.

पटना हाईकोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में, जिसकी प्रति दिप्रिंट के पास है, ईडी ने आईफोन पाने वाली अधिकारी की पहचान आईएएस अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा के रूप में की है और 5 किलो ‘आम’ मांगने वाले अधिकारी की पहचान आईएएस अधिकारी संतोष कुमार मल्ल के रूप में बताई है. उनका लाभ पहुंचाने वाला व्यक्ति पटना का ठेकेदार रिशु श्री बताया गया है, जिसके बिहार सरकार के शीर्ष अधिकारियों से, खासकर शहरी विकास एवं आवास विभाग (UDHD) में, कथित संबंध हैं.

ईडी का यह हलफनामा नवंबर के आखिरी हफ्ते में दाखिल किया गया था.

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में कभी शीर्ष सिविल सर्वेंट रहे और अब निलंबित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के दौरान श्री ईडी के रडार पर आए.

एजेंसी का आरोप है कि श्री ने न केवल “अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अनुचित प्रभाव डाला”, बल्कि “वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों और उनके परिवारों की देश-विदेश यात्राओं का खर्च भी उठाया.” ईडी के मुताबिक, एक मामले में ठेकेदार ने कथित तौर पर एक आईएएस अधिकारी के परिवार के लिए धार्मिक अनुष्ठान कराने पर एक पुजारी को 9.84 लाख रुपये तक का भुगतान किया.

श्री से संबंधों को लेकर जिन आईएएस अधिकारियों की जांच हो रही है, उनमें अभिलाषा कुमारी शर्मा, संतोष कुमार मल्ल, आनंद किशोर, योगेश सागर, धर्मेंद्र कुमार और सुनील कुमार यादव सहित अन्य शामिल हैं. ईडी का आरोप है कि इन अधिकारियों के श्री से संबंध UDHD और बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (BUIDCO) में उनके कार्यकाल के समय से जुड़े हैं.

जांच एजेंसी ने ये खुलासे अदालत में श्री द्वारा अपने खिलाफ ईडी की कार्यवाही रद्द करने की मांग वाली रिट याचिका के जवाब में किए.

ईडी के हलफनामे पर दायर जवाब में, श्री के वकीलों ने इन अधिकारियों के साथ उनके संबंधों को लेकर एजेंसी के आरोपों का खंडन किया.

श्री के वकीलों ने आगे कहा कि “ईडी का पूरा मामला खुद ईडी के अनुमान और अटकलों पर आधारित है, न कि उन तथ्यों की पूरी समझ पर, जिन पर वह भरोसा करना चाहती है. जिस तरीके से ईडी ने पीएमएलए के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही शुरू की है और उसे जारी रखा है, उससे साफ होता है कि विवादित ईसीआईआर सिर्फ याचिकाकर्ता को किसी न किसी तरह से निशाना बनाने और परेशान करने के लिए दर्ज की गई.”

ईडी ने पिछले साल जुलाई और इस साल जनवरी में श्री की कंपनियों और ठिकानों पर छापेमारी की थी. एजेंसी के अनुसार, पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसने टेंडरों की कुल बिल राशि का 2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत तक कमीशन वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को दिया था.

अपनी जांच के आधार पर, ईडी की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने अप्रैल में श्री, हंस और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. एजेंसी ने इस मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर एक एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) भी खोली. साथ ही, उसने बिहार सरकार को पत्र लिखकर सागर और शर्मा सहित कई अन्य आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया.

दिप्रिंट ने आरोपों से जुड़े सवाल आईएएस अधिकारी सुनील कुमार यादव और अभिलाषा कुमारी शर्मा के आधिकारिक ईमेल आईडी पर भेजे. आनंद किशोर, योगेश सागर और धर्मेंद्र कुमार को व्हाट्सएप के जरिए भी विस्तृत सवाल भेजे गए और फोन कॉल के जरिए फॉलो-अप करने की कोशिश की गई, लेकिन रिपोर्ट के छापे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला. दिप्रिंट ने संतोष कुमार मल्ल के विशेष कार्याधिकारी (OSD) आसिफ इकबाल को भी व्हाट्सएप पर सवाल भेजे, जिन्होंने समय की कमी का हवाला देते हुए जवाब देने में असमर्थता जताई.

सागर मार्च 2024 से इस साल फरवरी तक BUIDCO के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे, बाद में उन्हें सामाजिक कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में पोस्ट किया गया. किशोर नवंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच थोड़े समय के लिए BUIDCO के प्रमुख रहे और पिछले महीने उन्हें अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया. वे UDHD में प्रधान सचिव के रूप में भी सेवा दे चुके हैं.

कुमार को पहले पश्चिम चंपारण में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में ट्रांसफर किया गया था, जबकि शर्मा वर्तमान में बिहार सरकार की जीविका पहल की अतिरिक्त सीईओ हैं. मल्ल UDHD के प्रधान सचिव और राज्य के जल संसाधन विभाग में भी प्रधान सचिव रह चुके हैं.

यादव फिलहाल राज्य के श्रम संसाधन विभाग में विशेष सचिव के रूप में कार्यरत हैं.

ईडी का दावा है कि श्री और उसके सहयोगियों ने अपने बयानों में स्वीकार किया है कि यादव का UDHD में ट्रांसफर श्री की मदद से हुआ था.

‘यूरोप यात्राएं, धार्मिक अनुष्ठानों का भुगतान’

अपने हलफनामे में ईडी ने आरोप लगाया है कि रिशु श्री ने बिहार सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों की देश और विदेश की यात्राओं का खर्च उठाया, जिसमें फ्लाइट और ठहरने का खर्च शामिल है.

उदाहरण के तौर पर, एजेंसी ने बताया कि श्री की कंपनी रिलायबल ग्रुप के कर्मचारी साहील ने सूरत स्थित ट्रैवल एजेंट लंबूजी टूर्स को आईएएस अधिकारी योगेश सागर और उनके पांच पारिवारिक सदस्यों के वीज़ा आवेदन प्रोसेस कराने के लिए 1.20 लाख रुपये का भुगतान किया. एजेंसी के मुताबिक, सागर और उनका परिवार पिछले साल 22 जून को नई दिल्ली से रवाना हुआ और वियना, साल्ज़बर्ग और सेंट वोल्फगैंग में ठहरने के बाद 30 जून को ऑस्ट्रिया से लौट आया.

ईडी ने कहा, “जांच में आगे सामने आया कि 4.27 लाख रुपये की राशि योगेश कुमार सागर की पत्नी अवलोकिता अशोक के खाते से बैंकिंग चैनल के जरिए लंबूजी टूर्स को दी गई, जबकि शेष 17.65 लाख रुपये रिशु श्री के सहयोगी और जैनम एंगिकॉन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े साहील सिन्हा ने नकद में एम/एस लंबूजी टूर्स को चुकाए.”

एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि रिशु श्री के कारोबारी सहयोगी बृजेश नरोला की गुजरात स्थित कंपनी जैनम एंगिकॉन को 16 मई को BUIDCO की ब्लैकलिस्ट से हटा दिया गया था, जो सागर के अपने परिवार के साथ विदेश यात्रा पर जाने से एक महीना पहले हुआ.

एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा, “सबूत बताते हैं कि यात्रा का खर्च रिशु श्री और एम/एस जैनम एंगिकॉन प्राइवेट लिमिटेड (जिसे बृजेश नरोला नियंत्रित करते हैं) ने मिलकर उठाया. ब्लैकलिस्ट हटाए जाने और विदेश यात्रा के समय में नज़दीकी और हितधारकों द्वारा यात्रा के फंडिंग के साथ मिलकर, यह साफ तौर पर पुष्टि करता है कि रिशु श्री ने BUIDCO के भीतर निर्णय लेने की प्रक्रिया पर वरिष्ठ अधिकारी को आर्थिक लाभ देकर प्रभाव डाला.”

एजेंसी ने यह भी जोड़ा, “यह उल्लेखनीय है कि योगेश कुमार सागर के BUIDCO में एमडी रहते हुए एम/एस जैनम कंस्ट्रक्शंस को छपरा स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज परियोजना का ठेका दिया गया था.”

एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि सागर ने विदेश यात्रा पर हुए वास्तविक खर्च को छिपाने के लिए अपने रिश्तेदारों के नाम से बिल बनवाए. ईडी का यह भी दावा है कि पटना स्थित ट्रैवल एजेंट शानवी कॉर्पोरेशन के तनीष कुमार के ठिकानों पर तलाशी के बाद, सागर द्वारा की गई कई घरेलू यात्राओं की बुकिंग पर करीब 10 लाख रुपये का खर्च सामने आया.

इसी ट्रैवल एजेंट के जरिए, एजेंसी का आरोप है कि रिशु श्री ने अभिलाषा कुमारी शर्मा के परिवार के खर्च के लिए 13 लाख रुपये दिए. ईडी ने कहा कि शर्मा को कथित तौर पर अपनी मौसी के बैंक खाते में रिशु श्री से 3 लाख रुपये भी मिले, जिसका हवाला व्हाट्सएप चैट और बैंक पासबुक की कॉपी देकर दिया गया है.

ईडी के अनुसार, रिशु श्री ने शर्मा के परिवार के लिए धार्मिक अनुष्ठान कराने के लिए एक पुजारी इंदरजीत शर्मा को 9.84 लाख रुपये का भुगतान भी किया. इसके अलावा, रिशु श्री ने उन्हें एक मोंट ब्लांक पेन, एक एप्पल आईपैड और एक आईफोन भी उपहार में दिया. आरोपों के समर्थन में ईडी ने इन डिवाइसेज की तस्वीरें और व्हाट्सएप चैट भी संलग्न की हैं.

आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र कुमार और उनकी पत्नी की विदेश यात्रा को लेकर ईडी ने कहा कि जब वे पिछले साल 16 जुलाई से 26 जुलाई के बीच यूरोप घूम रहे थे, तब रिशु श्री ने इस यात्रा के लिए 10,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर राशि की व्यवस्था की थी. ईडी ने इसके समर्थन में रिशु श्री और शर्मा के बीच कथित व्हाट्सएप बातचीत का एक अंश भी संलग्न किया है, जिसमें धर्मेंद्र कुमार की यात्रा पर चर्चा की गई है.

इसी तरह, ईडी ने मल्ल और रिशु श्री के बीच कथित बातचीत का एक अंश भी संलग्न किया है, जिसमें मल्ल ने तुरंत 5 किलो आम की मांग की थी, आरोप है कि ‘आम’ शब्द का इस्तेमाल 5 लाख रुपये नकद लेने के लिए किया गया. “जी भैया,” इस मांग पर रिशु श्री का जवाब बताया गया है.

ईडी ने अदालत में कहा, “जांच में सामने आया है कि रिशु श्री के शहरी विकास एवं आवास विभाग (UDHD) के तत्कालीन प्रधान सचिवों—आनंद किशोर और संतोष कुमार मल्ल के साथ करीबी और प्रभावशाली संबंध थे. धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों और फॉरेंसिक तरीके से निकाली गई व्हाट्सएप चैट से यह स्थापित होता है कि रिशु श्री ने आनंद किशोर के जरिए बिहार सरकार में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अनुचित प्रभाव डाला.”

एजेंसी ने आगे कहा, “जांच में यह भी सामने आया है कि रिशु श्री, जिन्हें नमामि गंगे परियोजना के क्रियान्वयन की निगरानी करने वाले अधिकारियों तक सीधी पहुंच और प्रभाव था, ने BUIDCO में मैनेजिंग डायरेक्टर रहते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों खासतौर पर योगेश सागर और अमरेंद्र कुमार सिंह की देश और विदेश यात्राओं का खर्च उठाया.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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