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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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‘आईओएस सागर’ ईईजेड निगरानी का पहला चरण पूरा करने के बाद पोर्ट लुईस पहुंचा

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नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) नौ मित्र देशों के 44 नौसैनिकों के साथ भारतीय नौसेना के जहाज आईओएस सागर ने दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर में अपनी तैनाती के तहत मॉरीशस के साथ संयुक्त विशेष आर्थिक क्षेत्र निगरानी के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

एक अनूठी पहल के तहत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांच अप्रैल को भारतीय नौसेना के गश्ती जहाज आईएनएस सुनयना को हिंद महासागर जहाज (आईओएस) सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के रूप में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मेडागास्कर, मालदीव, कोमोरोस, केन्या, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया के नौसैनिकों के साथ जहाज की तैनाती का उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग है।

भारतीय नौसेना ने रविवार को कहा, ‘‘आईओएस सागर दक्षिण पश्चिमी हिंद महासागर में तैनाती के तहत मॉरीशस के राष्ट्रीय तटरक्षक बल के साथ संयुक्त ईईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र) निगरानी के पहले चरण के पूरा होने पर 26 अप्रैल को मॉरीशस के पोर्ट लुईस हार्बर पहुंचा।’’

नौसेना ने कहा कि यह यात्रा मित्र देशों के साथ क्षेत्रीय समुद्री सहयोग और दक्षता विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

आईएनएस सुनयना को समुद्री डकैती विरोधी अभियानों, समुद्री निगरानी और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत अभियानों के लिए तैयार किया गया है।

यह जहाज मध्यम और नजदीकी रेंज के तोपखाना हथियारों और मिसाइल रक्षा उपायों सहित आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों से सुसज्जित है।

भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह जहाज एक हेलीकॉप्टर को भी ढो सकता है, जो इसकी परिचालन और निगरानी क्षमता को बढ़ाता है।

करवार नौसैनिक अड्डे पर आईओएस सागर को हरी झंडी दिखाने के बाद राजनाथ ने समुद्री मिशन को क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सामूहिक सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया था।

भाषा आशीष पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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