अमरावती, सात सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का पर्यवेक्षण करने वाले प्राधिकरण ‘डॉ. वाईएसआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज’ ने मेडिकल सीट की संख्या बढ़ाने के लिए कथित तौर पर राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) का फर्जी अनुमति पत्र पेश करने के आरोप में तीन निजी मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ जांच शुरू की है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विश्वविद्यालय के कुलपति कोरुकोंडा बाबजी ने कहा कि तीन मेडिकल कॉलेज, राजामहेंद्रवरम स्थित जीएसएल मेडिकल कॉलेज, विजयनगरम स्थित महाराजा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एमआईएमएस) और नंदयाला स्थित शांतिराम मेडिकल कॉलेज धोखाधड़ी के इस कृत्य में शामिल थे।
बाबजी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने तीनों कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाया और उनसे स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। हमने पूछताछ शुरू कर दी है।’’
बाबजी के मुताबिक, मेडिकल विश्वविद्यालय ने यह समझकर शुरू में अनुमति पत्रों (एलओपी) को स्वीकार कर लिया कि यह वास्तव में एनएमसी द्वारा जारी किया गया है और बढ़ी हुई मेडिकल सीट आवंटित की गईं, लेकिन मेडिकल काउंसिल से यह निर्देश प्राप्त होने पर उन्हें रद्द करना पड़ा कि एलओपी नकली थे।
इसके कारण, विश्वविद्यालय को काउंसलिंग (छात्रों को उनकी प्राथमिकता और रैंक के आधार पर कॉलेजों में सीट आवंटित करना) की प्रक्रिया फिर से करनी पड़ी है।
उन्होंने जीएसएल मेडिकल कॉलेज के मामले पर प्रकाश डाला जिसने एमडी रेडियो डायग्नोसिस की सीट संख्या 10 से बढ़ाकर 24 करने की अनुमति प्राप्त होने का दावा किया था।
बाबजी ने कहा है कि एनएमसी ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई है। हालांकि, विश्वविद्यालय ने अभी इन तीन कॉलेजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
भाषा संतोष माधव
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