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शुक्रवार, 23 मई, 2025
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आंतरिक ऑडिट में जल शक्ति मंत्रालय की योजनाओं में 709 करोड़ रुपये की अनियमितताएं उजागर हुईं

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) जल शक्ति मंत्रालय की 2023-24 की आंतरिक लेखा परीक्षा समीक्षा में प्रमुख जल व स्वच्छता योजनाओं में 709 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं के बारे में बताया गया है।

रिपोर्ट में अनुदान रोकने, अनधिकृत खर्च, निष्क्रिय मशीनरी और खरीद प्रक्रियाओं में उल्लंघन का उल्लेख किया गया है।

वार्षिक आंतरिक लेखा परीक्षा समीक्षा के अनुसार, 525.96 करोड़ रुपये के सरकारी अनुदान पर रोक लगी हैं। इनमें महाराष्ट्र और हरियाणा में अटल भूजल योजना के तहत अप्रयुक्त शेष राशि, साथ ही केरल और बिहार जैसे राज्यों में अधिक व्यय, अनियमित व्यय जैसे मुद्दे शामिल हैं।

ऑडिट में मुख्य रूप से एसबीएम-जी के तहत प्रशासनिक और आईईसी (सूचना, शिक्षा, संचार) गतिविधियों के लिए स्वीकृत सीमाओं से अधिक खर्च होने के कारण 23.56 करोड़ रुपये के अनियमित व्यय का भी पता चला।

रिपोर्ट के अनुसार कई मामलों में, धनराशि को गैर-जरूरी कार्यों में खर्च कर दिया गया, तथा कई खरीद सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) या निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना की गई, जिसके परिणामस्वरूप 10.82 करोड़ रुपये की अनधिकृत खरीद हुई।

ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के विभाग/राज्य सरकार/सरकारी निकायों और निजी पक्षों से 19.05 करोड़ रुपये की सरकारी बकाया राशि नहीं वसूली गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर, मंत्रालय की आंतरिक लेखापरीक्षा शाखा ने अपने विभागों में 70,925.02 लाख रुपये (709.25 करोड़ रुपये) की वित्तीय अनियमितताओं की सूचना दी, जिसमें बकाया राशि की वसूली न होना, अनियमित व्यय और अप्रयुक्त धनराशि शामिल है।

रिपोर्ट के अनुसार कई क्षेत्रीय कार्यालयों में 1.32 करोड़ रुपये मूल्य की बेकार और क्षतिग्रस्त मशीनें भी पड़ी हैं, जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा।

भाषा जोहेब प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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